डेंगू से बचाव को जागरूकता है जरूरी- सीएस
प्रमोद कुमार
मोतिहारी,पू०च०।
सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि आज के समय में डेंगू एक गंभीर बीमारी के तौर पर उभरा है। हमारे देश व राज्य में हर साल बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं। यही वजह है कि डेंगू की बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है।
ताकी लोग डेंगू के बारे में जागरूक होकर अपने व अपने परिवार की खुद रक्षा कर सकें। उन्होंने बताया कि एडिस मच्छर के काटने से डेंगू रोग होता है। इससे बचाव के लिए सोते समय रात में मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। साथ ही घर के आस-पास समय पर मच्छर मारने वाली दवाओं का छिड़काव भी करना चाहिए।डेंगू के मामले मानसून के शूरू होने के बाद से ही सामने आने लगते हैं।
दरअसल डेंगू का लार्वा रुके हुए साफ पानी में ही पनपता है। ऐसी सूरत में लापरवाही बरतने पर डेंगू फैलने की आशंका बढ़ जाती है।
डेंगू की बीमारी में मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होने लगते हैं। अगर प्लेटलेट्स बेहद कम हो जाए तो इससे मरीज की गम्भीर स्थिति भी हो सकती है। जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शरतचंद्र शर्मा ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को पहले डेंगू हो चुका है तो उसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
ऐसे व्यक्ति दोबारा डेंगू बुखार की आशंका होने पर सरकारी अस्पताल या फिर डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज कराने पर मरीज ठीक हो जाता है।
उन्होंने बताया कि सभी तरह का बुखार डेंगू नहीं होता है। बुखार होने पर बिना समय गंवाए डॉक्टर से संपर्क करें। डेंगू होने की स्थिति में सभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। सिर्फ गंभीर मरीजों को ही भर्ती होना पड़ता है। समय पर इलाज कराने पर मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य हो सकता है।
डेंगू बीमारी के लक्षण:
* अचानक तेजी से बुखार आना
* तेज सिरदर्द होना
* आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना
* जोड़ों और मांसपेशी में तेज दर्द का एहसास होना
* थकान, उल्टी,जी मिचलाना, स्किन पर रैशेज हो जाना
* नाक, मसूड़ों में से थोड़ी सी ब्लीडिंग होना
डेंगू से बचाव के तरीके:
- डेंगू से बचाव का सबसे अच्छा तरीका यही है कि हम खुद को संक्रमित एडीज मच्छरों के काटने से बचाएं।
- घर की सारी खिड़कियों दरवाजों को ठीक तरह से बंद कर रखें
- सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करें
- डेंगू के लक्षण नजर आने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें
- कूलर में ज्यादा दिनों तक पानी जमा न रहने दें
- घर में मौजूद गमलों, अन्य चीजों में पानी स्टोर ना होने दें
- समय-समय पर मच्छर मारने वाली दवाओं का छिड़काव करें।