प्रसव सेवा में लक्ष्य को पाने को सुधर रही मातृ शिशु अस्पताल की सेवा

प्रसव सेवा में लक्ष्य को पाने को सुधर रही मातृ शिशु अस्पताल की सेवा

प्रसव सेवा में लक्ष्य को पाने को सुधर रही मातृ शिशु अस्पताल की सेवा

- 2019 में कुछ शर्त के साथ मिला था लक्ष्य प्रमाणीकरण
- प्रसव के बाद शिशुओं की बेहतर हो रही देखरेख 

प्रमोद कुमार 

वैशाली, 24 जून । 
सदर अस्पताल स्थित मातृ शिशु अस्पताल लगातार अपनी सेवाओं के विस्तार तथा सुविधा को और बेहतर बनाने के प्रयास में है। सुविधाओं को और बेहतर बनाने का मुख्य कारण मातृ शिशु मृत्यु दर को कम कर संस्थागत प्रसव को बढा़वा देना है। मातृ  शिशु अस्पताल इसके लिए लक्ष्य के प्रमाणीकरण के अनुरूप भी काम कर रहा है।

 जिसमें साधारण प्रसव और सिजेरियन दोनों ही प्रकार की सुविधाओं  को सुरक्षित और आरामदायक बनाया जा रहा है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ अमिताभ कुमार सिन्हा ने कहा कि किसी भी अस्पताल में मातृ शिशु अस्पताल अतिआवश्यक सुविधाओं में से है। जिसे राष्ट्रीय स्तर का बनाना हमारा लक्ष्य भी है। 2019 में जिले को लक्ष्य का प्रमाणीकरण मिला था पर उसमें कुछ शर्तें भी रखी गयी थी।

गर्भवती महिलाओं को सदर स्थित एमसीएच में बेहतरीन सुविधाएं दी जा रही है। जो कहीं से भी प्राइवेट संस्थाओं से कम नहीं है। मातृ शिशु के लिए की गयी यह व्यवस्था लक्ष्य योजना की पूर्ति और आम लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रख कर किया गया है। 

ट्राइज रूम की है व्यवस्था-
नर्स मेंटर सुपरवाइजर श्वेता विक्टर ने बताया कि मातृ शिशु अस्पताल में कोई भी गर्भवती पहले ट्राइज रूम आती है। यहां पर निम्न और उच्च जोखिम वाली गर्भवती  की पहचान की जाती है। यहां गर्भवतियों का बीपी, वजन और उनके गर्भकाल का इतिहास भी देखा जाता है। इसके बाद जिनका प्रसव नजदीक में ही हो उन्हें प्री डिलीवरी रूम में शिफ्ट कर दिया जाता है। वहां से जरूरत के अनुसार लेबर रूम या सिजेरियन वाली गर्भवतियों को ओटी में ले जाया जाता है। 

संक्रमण मुक्त प्रसव को बढ़ावा-
श्वेता कहती हैं कि प्रसव के दौरान मां और बच्चे को संक्रमण का बहुत ज्यादा खतरा रहता है। इसके निष्पादन के लिए ऑटो क्लेव मशीन की मौजूदगी है । वहीं उपकरणों को स्ट्रेलाइज करने के लिए भी विशेष प्रशिक्षण नर्सों को दिए गए हैं। इसके अलावा भी हाथ धोने की एक तकनीक जिले के नर्सों को प्रशिक्षण के तौर सिखायी गयी है ।  ताकि प्रसव के समय और उपरांत जच्चा और बच्चा दोनों संक्रमण मुक्त रहें। 

हरेक नवजात को प्रथम घंटे में स्तनपान -
श्वेता ने कहा कि हमारा लक्ष्य रहता है कि हम हरेक बच्चे को प्रसव के उपरांत पहले एक घंटे में मां का गाढ़ा पीला दूध पिला दें। इसमें हम काफी हद तक सफल भी हुए हैं । सिजेरियन को अगर छोड़ दें तो साधारण प्रसव में हम सभी को मां का पहला दूध जरूर पिलवाते हैं। इसके अलावा  नवजात के जन्म के पहले आधे घंटे में हम विटामिन  की खुराक भी बच्चे को अवश्य देते हैं। इसके अलावा  ओटी रूम में वार्मर, अम्बु बैग, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसे जीवनदायक उपकरण मौजूद हैं।