यक्ष्मा जांच शिविर में लिया गया 21 संदिग्धों का सैम्पल

यक्ष्मा जांच शिविर में लिया गया 21 संदिग्धों का सैम्पल

यक्ष्मा जांच शिविर में लिया गया 21 संदिग्धों का सैम्पल

P9bihar news 

प्रमोद कुमार 
सीतामढ़ी।
डॉक्टर्स फॉर यू संस्था एवं जिला यक्ष्मा केंद्र, सीतामढ़ी के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को  सुप्पी प्रखंड के पकरी कोठी गाँव के अरुणालया  केंद्र में यक्ष्मा जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में लगभग 60 लोगों की प्राथमिक स्वास्थ्य की जांच की गई एवं टीबी के 21 संदिग्धों का बलगम लिया गया। इस शिविर के बाद उपरोक्त टीम द्वारा मेजरगंज प्रखंड के भोकरहा स्थित लिटिल फ्लावर लेप्रोसी फार्म में 23 कुष्ठ रोगियों की स्वास्थ्य जांच की गई एवं संभावित मरीजों का बलगम संग्रह किया गया।

शिविर को संबोधित करते हुए डॉक्टर्स फॉर यू के जिला समन्वयक प्रदीप सिन्हा ने कहा कि टीबी की बीमारी लाइलाज नहीं है। बशर्ते,  सही समय पर दवा शुरू कर दिया जाए एवं संपूर्ण इलाज तक दवा लिया जाए। बिना चिकित्सक के सलाह के दवा बीच में नहीं छोड़ें। उन्‍होंने कहा कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को जनांदोलन का रूप देकर सफल बनाया जा सकता है।  सभी सरकारी, गैरसरकारी एवं अन्य विभागों का सहयोग लेकर इस बीमारी पर विजय प्राप्त किया जा सकता है।

जिला यक्ष्मा केंद्र, सीतामढ़ी के जिला कार्यक्रम समन्वयक रंजय कुमार ने बताया कि टीबी सबसे ज्यादा फेफड़ों को प्रभावित करती है, इसलिए शुरुआती लक्षण खांसी आना है। पहले तो सूखी खांसी आती है, लेकिन बाद में खांसी के साथ बलगम और खून भी आने लगता है। दो हफ्तों या उससे ज्यादा खांसी आए तो टीबी की जांच करा लेनी चाहिए। पसीना आना भी टीबी का लक्षण है।

मरीज को रात में सोते समय पसीना आता है। इस शिविर में डॉक्टर्स फॉर यू के फील्ड ऑफिसर ज्ञानेश, जांच समन्वयक आशुतोष सिंह, निश्छल सिंह, धर्मलाल पूर्वे और अभिषेक कुमार आदि  ने सहयोग किया। जिला यक्ष्मा केंद्र एसटीएलएस के संजीत पूर्वे, एसटीएस श्याम कुमार आदि भी मौजूद थे।