खान-पान के साथ जीवन शैली में बदलाव लाकर मधुमेह से बचाव संभव

खान-पान के साथ जीवन शैली में बदलाव लाकर मधुमेह से बचाव संभव

खान-पान के साथ जीवन शैली में बदलाव लाकर मधुमेह से बचाव संभव

-विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल सहित जिले भर के स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित

P9bihar news 

प्रमोद कुमार 

सीतामढ़ी।

विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल सहित जिले भर के स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित किये गए। सदर अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र लाल ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सिविल सर्जन ने कहा कि मधुमेह से बचाव के लिए सजग रहने की जरूरत है। खान-पान के साथ जीवन शैली में बदलाव  आवश्यक  है। संयमित खान-पान और स्वस्थ जीवन-शैली अपनाकर इससे बचा जा सकता है। इस अवसर पर डीपीएम असीत रंजन, अस्पताल प्रबंधक विजय झा, शंभू शरण, मनोज कुमार, नेहा कुमारी, डॉ. दीपक, भारती कुमारी सहित नर्सिंग छात्राएं उपस्थित थीं। 

युवाओं को भी अपनी गिरफ्त में ले रही:

गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. सुनील सिन्हा ने कहा कि आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में खुद की सेहत का ख्याल रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है। आधुनिक जीवन-शैली, अनियमित दिनचर्या और खान-पान की खराब आदतों के कारण कम उम्र में ही कई तरह की बीमारियां घेर रही हैं। डायबिटीज यानी मधुमेह भी तेजी से बढ़ रही इसी तरह की बीमारी है। यह न केवल उम्रदराजों को, बल्कि युवाओं को भी अपनी गिरफ्त में ले रही है। इससे बचाव के लिए 30 वर्ष से ऊपर के प्रत्येक व्यक्ति को अपना बीपी, ब्लड सुगर की जांच कराते रहना चाहिए। 

सभी सरकारी अस्पतालों में लगा जांच शिविर:

जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में मधुमेह जांच शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें  मधुमेह के मरीजों की जांच की गई। डॉक्टरों द्वारा मरीजों के बीपी, ब्लड सुगर की निःशुल्क जांच की गई। आवश्यकता के अनुसार मरीजों के बीच नि:शुल्क दवा का भी वितरण किया गया। चिकित्सकों द्वारा मधुमेह से होने वाले नुकसान व बचाव के प्रति जागरूक किया गया। बताया गया कि मधुमेह रोग एक ऐसी बीमारी है जो एक बार जिसे हो गई तो वह कभी जड़ से खत्म नहीं होती। इसे सिर्फ दवाओं, योग व दिनचर्या में परिवर्तन कर नियंत्रित किया जा सकता है। इससे बचने के लिए सुबह में में चार बजे से आठ बजे के बीच 20 से 30 मिनट टहलने की आदत हम सभी को डालनी होगी। 

मधुमेह के लक्षण: 

- बहुत ज्यादा और बार-बार प्यास लगना
- बार-बार पेशाब आना
-लगातार भूख लगना
- अकारण थकावट महसूस होना
- अकारण वजन कम होना
- घाव ठीक न होना या देर से घाव ठीक होना
- खुजली या त्वचा रोग
- सिरदर्द   
- धुंधला दिखना