टीबी उन्मूलन मेंं जनप्रतिनिधि एवं समाज के लोगों की भागीदारी अहम

टीबी उन्मूलन मेंं जनप्रतिनिधि एवं समाज के लोगों की भागीदारी अहम

टीबी उन्मूलन मेंं जनप्रतिनिधि एवं समाज के लोगों की भागीदारी अहम

P9bihar news 

सत्येन्द्र कुमार शर्मा

सारण :- समाज के सक्षम व्यक्ति और जनप्रतिनिधि टीबी उन्मूलन में भागीदारी निभाएं।टीबी मरीजों को गोद लेकर निक्षय मित्र बनें।
टीबी उन्मूलन की दिशा में स्वास्थ्य विभाग की यह पहल है।जिस तरीके से समाज के हर वर्ग व हर समुदाय के लोगों ने कोरोना  के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई को लड़ा और उसे  खत्म करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निवर्हन किया ।

उसी तरीके से समाज के लोगों को टीबी जैसी  बीमारी   के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने की आवश्यकता है।  टीबी रोग उन्मूलन में समाज के सक्षम लोग, निर्वाचित जनप्रतिनिधि, राजनीतिक, कॉर्पोरेट संस्थान, गैर सरकारी संस्थान अपनी भागीदारी निभा सकते हैं, इसके लिये सभी को नि-क्षय मित्र बनने का मौका दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान जोर-शोर से चल रहा है। इस महतवाकांक्षी अभियान को सफल बनाने बनाने के लिये समाज के सक्षम लोगों से आगे आकर नि-क्षय मित्र बनने की अपील की गई है।

ताकि टीबी मरीजों के उपचार परिणामों में सुधार लाया जा सके। नि-क्षय मित्र के तौर पर आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित किये जाने के लिये निर्वाचित प्रतिनिधि, राजनीतिक दल, गैर सरकार संगठन, कॉर्पोरेट्स संस्थान और इच्छुक नागरिक भी प्रतिभाग कर सकता है।नि-क्षय मित्र के रूप में प्रत्येक व्यक्ति एक या एक से अधिक टीबी रोगियों को कम से कम एक वर्ष तक गोद लेगा और उपचार में सहयोग करेगा। 

अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सच्ची मित्रता निभायें:

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद ने कहा कि समाज का प्रत्येक सक्षम व्यक्ति टीबी रोगियों की सहायता के लिये नि-क्षय मित्र बनने का संकल्प लें और इस राष्ट्रीय अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सच्ची मित्रता निभायें। इस अभियान में सभी सरकारी विभागों, निर्वाचित प्रतिनिधियों गैर सरकारी संगठनों और कॉपोर्रेट्स संस्थानों का सहयोग अपेक्षित है।

2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य: 
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 2025 तक जिले से टीबी का पूरी तरह से उन्मूलन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके लिए सरकार और विभाग अपने स्तर से पूरी  तरह से प्रयासरत है। लेकिन, अब जरूरत है लोगों के जागरूक होने की। ताकि, टीबी के खिलाफ  लड़ाई  जीती जा सके।जिले के सभी सरकारों अस्पतालों में इसके इलाज से लेकर जांच तक की मुफ्त व्यवस्था है।

साथ ही, दवाओं के साथ टीबी के मरीज को पौष्टिक भोजन के लिए पांच सौ रुपये प्रतिमाह सहायता राशि भी दी जाती है। इसके बावजूद देखा जा रहा है कि कुछ लोग इलाज कराने के लिए बड़े निजी अस्पताल या फिर बड़े शहर की ओर जाते हैं। फिर वहां से निराश होकर जिले के सरकारी अस्पतालों का चक्कर काटना पड़ता है। ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है। जैसे ही टीबी के बारे में पता चले तो पहले नजदीकी सरकारी अस्पताल ही जाएं। जिले में अब टीबी के इलाज के साथ मुकम्मल निगरानी और अनुश्रवण की व्यवस्था की जाती है।

निक्षय मित्र बनने के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र  से कर सकते हैं  सम्पर्क:

निक्षय मित्र बनने के लिए अपने जिला यक्ष्मा केंद से संपर्क किया जा सकता है। निक्षय मित्र बनने के लिए communitysupport.nikshay. in पर लॉगिन कर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान पर क्लिक कर निक्षय मित्र रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर क्लिक कर कर अपनी पूरी जानकारी देकर इस अभियान से जुड़ा जा सकता है। इसके अलावा इस निक्षय हेल्प लाइन नंबर 1800116666 पर कॉल कर के विस्तृत जानकारी ली  जा सकती  है। वहीं  निक्षय मित्र बनने के लिए टीबी से ग्रसित मरीजों की सहमति लेकर पोषण के लिए उन्हें सहायता उपलब्ध करानी होगी।