कायाकल्प योजना का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम
कायाकल्प योजना का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम
P9bihar news
सत्येन्द्र कुमार शर्मा,
सारण-अस्पतालों को सुचारू रूप से संचालित करने में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों सहित अस्पताल प्रबंधकों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। क्योंकि इन्ही लोगों के बदौलत अस्पताल परिसर को सुरक्षित और सुव्यवस्थित रखा जाता है। इनके योगदान के कारण अस्पताल को विभिन्न योजना के तहत राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय टीम के द्वारा आंकलन किया जाता है। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने एमओआईसी, एचएम और बीएचएम को कायाकल्प योजना से संबंधित एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला के दौरान कही।
इस अवसर पर सीएस डॉ सागर दुलाल सिन्हा, डीपीएम अरविंद कुमार, डीसीक्यूए रमेश चंद्र कुमार, पीरामल स्वास्थ्य की ओर से संजय यादव, डॉ रवि शंकर, डॉ प्रशांत कुमार, जपाइगो की बनानी मिश्रा, पीएसआई के राजीव कुमार, सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी, डीईओ मनीष कुमार सहित जिले के सभी एमओआईसी, एचएम और बीएचएम उपस्थित थे।
अस्पताल में मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं को गुणवत्तापूर्ण उपलब्ध कराना पहली जिम्मेदारी: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार ने कहा कि कायाकल्प योजना के तहत अस्पताल में मरीजों के लिए उपलब्ध सुविधाओं को गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अस्पताल प्रबंधक और प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक को एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन सदर अस्पताल परिसर स्थित जीएनएम स्कूल के सभागार में आयोजित की गई।
जिसमें उन्होंने यह भी बताया कि अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा लगभग 50 से अधिक सुविधाओं पर फोकस किया जाता है। हालांकि मुख्य रूप से हाईजीनिक, बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, पंजीयन काउंटर, हॉस्पिटल इंफेक्शन प्रिवेंशन मैनेजमेंट रिकॉर्ड कीपिंग, दवा वितरण, मरीजों से स्वास्थ्य कर्मियों का व्यवहार सहित कई अन्य गतिविधियां शामिल हैं।
कायाकल्प योजना के तहत मुख्य रूप से आठ बिंदुओं पर कार्य करने की जरूरत: डीसीक्यूए
जिला सलाहकार गुणवत्ता यकीन पदाधिकारी (डीसीक्यूए) रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं व रख- रखाव सहित कई अन्य तरह की सेवाओ की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा कायाकल्प योजना के तहत कार्य कराया जाता है।
ताकि अस्पताल परिसर में इलाज करने वाले मरीज या अभिभावकों को किसी प्रकार से कोई परेशानी या संक्रमण नही फैले। कायाकल्प का मतलब यही होता है कि अस्पताल प्रबंधन अपनी ओर से घर जैसा माहौल बनाकर रखें। हालांकि इस योजना से संबंधित मुख्यतः आठ बिंदुओं पर अस्पताल प्रशासन द्वारा कार्य किया जाता है।