पीड़ित मानवता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं
- अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस पर एएनएम स्कूल की छात्राओं ने कहा- करनी है समाज की सेवा
प्रमोद कुमार
शिवहर, 11 मई। नर्सिंग की पढ़ाई का मतलब ही सेवा कहलाता है। अगर सेवा भावना नहीं हो तो फिर इस तरह की पढ़ाई करने का कोई मतलब ही नहीं बनता है। पढ़ाई करने के बाद जहां भी रहूंगी वहां के मरीजों की सेवा पूरी निष्ठा के साथ करूंगी। छात्राओं ने बताया कि उनकी पढ़ाई का मूल उद्देश्य सेवा करना है।
पीड़ित मानवता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। इसी उदे्श्य के साथ नर्स बनकर सेवा करने की सोच है। यह बातें अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस की पूर्व संध्या पर एएनएम स्कूल की छात्राओं ने कहा। एएनएम छात्रा साक्षी, विनीत, सोनल, पूनम, सोनम, प्रिया, ऋषिका सिंह, सोनी, ललिता समेत तमाम छात्राओं ने कहा कि सेवा भाव को अपने हृदय के भीतर विकसित कर हम सभी पढ़ाई कर रहे हैं। जब हम सभी यहां से अस्पतालों में जाएं तो देश व समाज का उसी भाव से सेवा कर सके।
सेवा करने का अलग आनंद होता है:
छात्रा साक्षी ने कहा कि सेवा करने का अपना अलग आनंद होता है। जैसे कि हम बचपन से सुना या पढ़ा करते हैं कि सेवा सभी धर्मों का मूल है। अगर हम सेवा नहीं कर सकते तो हमारा यह मानव जीवन निरर्थक है। सेवा भाव के जरिए हम समाज को नई दिशा दे सकते हैं।
इसी उद्देश्य के साथ मैं नर्सिंग की पढ़ाई कर रही हूं। असल में सेवा भाव ही हमारे जीवन में कामयाबी की असल नींव रखता है। सेवा भाव को अपने हृदय के भीतर विकसित करना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है।
सेवा भावना मानव को सच्चा बनाती है:
सोनाली ने कहा कि सेवा भाव ऐसी सर्वोत्तम भावना है, जो मानव को सच्चा मानव बनाती है। मन में ममता, करुणा की भावना ही मुझे इस क्षेत्र में लेकर आया है। मैं अपना जीवन मानव सेवा में नर्स बनकर लगाना चाहती हूं। पूनम ने कहा कि ठीक इसी भाव से हम सभी अपना जीवन समाज हित में आगे बढ़ा रहे हैं।
सेवा भाव से काम करने का है जज्बा:
एएनएम स्कूल की प्राचार्या अनुराधा कुमारी ने कहा कि 2017 में स्थापना के बाद यहां से तीन बैच पास आउट हो चुके हैं। वे सभी आज विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत हैं। अभी 93 एएनएम छात्राएं अभी यहां पढ़ाई कर रही हैं। सभी में सेवा भाव से काम करने का जज्बा है। सभी छात्राओं को ट्रेंड ट्यूटर द्वारा पढ़ाया जाता है।