ढाई सौ बच्चों को कृमि मुक्ति की दवा खिलाकर मॉप अप राउंड की हुई शुरुआत
ढाई सौ बच्चों को कृमि मुक्ति की दवा खिलाकर मॉप अप राउंड की हुई शुरुआत
P9bihar news
प्रदीप कुमार यादव
मुजफ्फरपुर।
जिले में बुधवार को 19 वर्ष तक के बच्चों में कृमि मुक्ति के लिए चलाए जा रहे नेशनल डिर्माविंग कार्यक्रम के मॉप अप राउंड की शुरुआत हुई। इसका उद्घाटन जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एसके पांडे ने करीब दो सौ पचास बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर की। इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने कहा कि कृमि की गोली वर्ष में एक बार अवश्य खानी चाहिए।
इससे कुपोषण और अन्य गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। वहीं कृमि हो ही न इसके लिए व्यक्तिगत व हाथों की सफाई का ख्याल अवश्य रखना चाहिए। मिट्टी से ज्यादा संपर्क व नाखून की गंदगी भी कृमि होने के मुख्य कारणों में से एक है। कृमि के कारण बच्चों और किशोर-किशोरियों के शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा, एनीमिया, कुपोषण और स्कूलों में अनुपस्थिति जैसी समस्या देखने को मिलती है।
डीआईओ ने बताया कि कृमि एक परजीवी है जो मनुष्य की आंत में रहते हैं और जीवित रहने के लिए मानव शरीर के जरूरी पोषक तत्वों को खाते हैं। उन्होंने बताया कि संक्रमित बच्चे के शौच में कृमि के अंडे होते हैं। खुले में शौच करने से ये अंडे मिट्टी में मिल जाते हैं और विकसित होते हैं। स्वस्थ बच्चों के नंगे पैर चलने से, गंदे हाथों से खाना खाने से या फिर बिना ढका हुआ भोजन खाने से, लार्वा के संपर्क में आने से संक्रमित हो जाते हैं।
मौके पर डीडीए राजकिरण, एविडेंस एक्शन डीसी प्रभात रंजन सहित अन्य लोग एवम स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे।कृमि एनीमिया होने का एक बड़ा कारण है। कृमि के कारण एनीमिया का चक्र कभी टूटता नहीं और यह किशोरियों और बच्चों को कमजोर बनाए रखता है। गंभीर कृमि संक्रमण से दस्त, पेट दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख नहीं लगना सहित कई सारे लक्षण हो सकते हैं। बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाव के लिए एल्बेंडाजोल खाना जरूरी है।