चांद पर चन्द्रयान देश में खुशी की लहर वैज्ञानिकों की प्रशंसा
चांद पर चन्द्रयान देश में खुशी की लहर वैज्ञानिकों की प्रशंसा
P9bihar news
सत्येन्द्र कुमार शर्मा।
चन्द्रायण की सफलता पूर्वक चांद पर उतरते ही देश के नागरिकों में खुशी की लहर दौड़ गई। लोग वैज्ञानिकों के कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा करने लगे।चान्द पर सफलतापूर्वक पहुंचा भारत तब देश में खुशी की लहर दौड़ गई। अब चन्दा मामा दूर के नहीं भारतीय वैज्ञानिकों सोम ने इतिहास रच दिया है।
"चंदा मामा दूर के,पुआ पकाएं गुरु के, अपने खाएं थाली में, मुन्ना को दिए प्याली में, प्याली गई फुट मुन्ना गया रुठ " अक्सर छोटे बच्चों को खाना खिलाने के दौरान चांद से रिश्ता को याद दिलाया जाता रहा है। अब भारत के सोमनाथ ईशरओ के अध्यक्ष के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने वह रिश्ता पक्का कर दिखा दिया है। इस पारिवारिक रिश्तों की चर्चा सनातनियों से बहुत पहले जुड़े कथा कहानियों की चर्चा भी आम तौर पर की जाती रही हैं जो अब ताजा हो गया है।
राजेश्वर कुंवर के अनुसार भारत के लोग अब अपने मामा के घर पहुंच गये है। पूर्वजों ने धरती को हमारी माता और चांद को हमारे मामा का रिश्ता बनाने की बात बताई है। अब मिलों दूर मामा के घर पहुंच भारत की शान हमारा तिरंगा विश्व में सबसे पहले लहराने का काम हमारे वैज्ञानिकों ने कर दिखाया है।
उन्होंने कहा है कि ज्ञानवापी से निकलकर भारत प्रज्ञान मामा के घर की तलाशी करेगा।पहले बाबा की खोज हुई फिर चांद की खोज हुई है। पहले बाबा मिले फिर चांद मिला अब हमें चांद के पार भी जाना है।उनका कहना है कि अब श्रीकृष्णचन्द्र की खोज के साथ ही भगवान सूर्य की भी खोज शुरू कर दी जाएगी। अब भारत आदित्य मिशन पर निकलेगा।
उन्होंने इस उपलब्धि की प्राप्ति पर श्रीराम के वंश के आदि पुरुष की खोज करने की भी इच्छा जताई है। हमारे सनातन के ऋषियों ने तारें ,ग्रहों ,नक्षत्रों ,पेड़, पौधों ,पहाड़ों , नदियों ,समुद्रों से नाता जोड़ा है ।और इसी लक्ष्य को सामने रखकर हमारे वैज्ञानिकों को अपने नातेदारों के यहाँ जाना हमारा अधिकार बनता जा रहा है।
उन्होंने इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ के नाम की चर्चा करते हुए कहा कि वे तो स्वयं चांद के नाथ हैं और यह संयोग है कि हमारे वैज्ञानिकों ने सोमनाथ की यात्रा भगवान सोमनाथ की कृपा से सोम " चांद " की पूरी कर ली है। इस महत्वपूर्ण कार्य में भारत के प्रशंसकों की भी अहम भूमिका रही है।भारत ने एक नया इतिहास रचते हुए फिर एक बार विश्वगुरु बनने के रास्ते पर आगे बढ़ कर दिखा दिया है।
हमारे महान वैज्ञानिकों को देश की डेढ़ सौ करोड़ जनता द्वारा बहुत-बहुत बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं दी जा रही हैं। भारत माता की जय जयकार लगाया जा रहा है।
उधर आर प्रज्ञानंद ने विश्व के नंबर एक खिलाड़ी को मात देकर शतरंज के विश्व चैम्पियन का भी खिताब जीता है।भारत के लिए आज दोहरी खुशी का दिन रहा है। भारत के लोग आज दोहरे खुशी में डुबे हुए हैं।