प्रेम व शांति का संदेश है 'चंपारण-कश्मीर सद्भावना' यात्रा: राकेश

प्रेम व शांति का संदेश है 'चंपारण-कश्मीर सद्भावना' यात्रा: राकेश

प्रेम व शांति का संदेश है 'चंपारण-कश्मीर सद्भावना' यात्रा: राकेश

कुपवाड़ा में लगाया जाएगा चंपा का पौधा

P9bihar news 

प्रमोद कुमार 
मोतिहारी। ब्रावो फाउंडेशन के मुख्य संरक्षक सह ब्रावो फार्मा के सीएमडी राकेश पांडेय ने कहा कि चंपारण-कश्मीर सद्भावना यात्रा प्रेम व शांति का संदेश देने निकली है। ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ यात्रा का मुख्य उद्देश्य है। धारा 370 हटने के बाद चंपारण से कश्मीर तक यह पहली यात्रा निकली है, जो वहां के लोगों को देश की आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाली सत्याग्रह की भूमि चंपारण की ऐतिहासिकता से रुबरु कराएगी।

यात्रा में शामिल सभी श्रद्धालु वहां के धार्मिक स्थल व प्राचीण मंदिरों का दर्शन करेंगे और अपनी सनातन संस्कृति से रुबरु होंगे। मंगलवार को ब्रावो फाउंडेशन की ओर से शुरू चंपारण-कश्मीर सद्भावना यात्रा की रवानगी पर वह बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी श्रद्धालु अपने साथ चंपारण मिट्टी लेकर गए हैं।

श्रीनगर के कुपवाड़ा में चंपारण की मिट्टी से चंपा के पौधे लगाए जाएंगे। यात्रा में सौ से अधिक लोग शामिल हैं। यात्रा को पांच ग्रुप में विभक्त किया गया है। सभी ग्रुप में दो-दो कॉर्डिनेटर रखे गए हैं। यह यात्रा शांति व प्रेम का संदेश है। यात्रा में वीरेंद्र कुमार जालान, डॉ. दिलीप कुमार सिंह, ई. अजय कुमार आजाद,

विनोद सिंह, आनंद प्रकाश, कौशल किशोर सिंह, जय कुमार सिंह, सुदिष्ट नारायण सिंह, राजेश रंजन, जितेंद्र कुमार त्रिपाठी, अरुण कुमार सिंघला, सतीश कुमार टंडन, संदीप कुमार गिरि, आलोक कुमार मिश्रा, राजेश कुमार गुप्ता के अलावा बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हैं।

चेहरे पर खुशी के थे भाव यात्रा में सौ से अधिक लोग शामिल थे। बापूधाम रेलवे स्टेशन से यात्रा दिल्ली के लिए रवाना हुई। वहां से सभी लोग प्लेन से कश्मीर जाएंगे। यात्रा में शामिल सभी लोगों के चेहरे पर खुशी के भाव थे। सभी ने फाउंडेशन की इस पहल की जमकर सराहना की है।

यात्रा अंतर्गत श्रद्धालु प्राचीन धार्मिक स्थल व मंदिरों का भ्रमण व दर्शन करेंगे। इनमें शंकराचार्य मंदिर, खीर भवानी मंदिर, त्रेहगाम शिव मंदिर, मार्तंड सूर्य मंदिर व शारदापीठ-कोरीडोर शामिल हैं। बताते चले कि श्रद्धालुओं को खान-पान, यात्रा भत्ता आदि सुविधाओं का खर्च का वहन ब्रावो फाउंडेशन स्वयं कर रही है। इस आशा की जानकारी शैलेन्द्र मिश्र बाबा ने दी।