लीचीपुरम उत्सव का उद्घाटन किया गया
लीचीपुरम उत्सव का उद्घाटन किया गया
प्रमोद कुमार
मेहसी,पू०च०।
तिरहुत उच्च विद्यालय प्रांगण में आयोजित लीचीपुरम उत्सव का उद्घाटन करते हुए चकिया अनुमंडल अधिकारी एसएस पांडेय ने कहा कि मेहसी में लीची आधारित उद्योगों की प्रबल संभावना है। इस उद्योग को किसान लगाते हैं तो सरकार भी उसकी सहायता करेगी। इसके लिए जिला स्तर पर कार्य योजना बनाई जा रही है जिसका लाभ किसान ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि यहां की किसानों की समस्याएं लीची के स्टिंग बग को लेकर है।
इसके निदान के लिए जिला प्रशासन सरकार को लिख चुकी है और बार-बार स्मारित भी कर रही है। लीचीपुरम उत्सव को एक यादगार उत्सव बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। उन्होंने इस बात की सराहना किया कि बिना किसी सरकारी सहायता के इतने बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया गया, अगर इस कार्यक्रम को सरकार से सहयोग मिले राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम हो सकता है।
एसडीएम ने इस कार्यक्रम को बड़ा बताते हुए इसका सरकारी करण किए जाने पर भी बल दिया। उसके बाद लीचीपुरम उत्सव का रंगारंग आगाज हुआ, जिसमें रात के करीब 2:00 बजे तक कलाकारों ने स्रोतों एवं दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। बनारस की ख्यात गायिका सरोज वर्मा ने अपने गजल गीत और भजन श्री श्रोताओं को आनंद के सागर में डुबो दिया कजरी भी सुनाई। नरेश चंचल ने बिहारियों की महाराष्ट्र एवं अन्य प्रदेशों में हो रही उपेक्षा को लेकर बने गीत बिहारियों की ताकत एहसास कराता गीत हम बिहारी हईं हो, सुनाकर श्रोताओं का दिल जीत लिया।
इसके अलावा उनकी अन्य मनभावन प्रस्तुति भी हुई और इस कलाकार ने साबित किया कि वे उत्तर बिहार में प्रसिद्ध क्यों हैं। मेहसी के प्रखंड विकास पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने एक बार फिर साबित किया कि एक अधिकारी के साथ साथ एक बड़े फनकार हैं स्वर्गीय मुकेश के गीतों को गाकर उन्हें उन्हें उनके सर को जीवंतता प्रदान की।
जब तक वे मंच पर है श्रोता उनसे गीतों की फरमाइश करते रहे। हास्य कलाकार सुनील सारंग, अपने रंग में नजर आए और लोगों को ठहाके लगाने व हंसने पर मजबूर कर दिया। निर्मल कुमार ने अपने गीतों से लोग श्रोताओं को लाजवाब करने का प्रयास किया तो मुजफ्फरपुर के विवेक कुमार अपनी गायकी से युवाओं का अपनी तरफ खींचा जमकर तालियां बटोरी युवा गायक गजल और गीतों से ऐसा अनूठा समां बांधा कि लोग अपनी कुर्सी से चिपके रहे।
नृत्य में जलवा डांस ग्रुप मुजफ्फरपुर की नृत्यांगना उन्हें इतनी मनोहारी नीतियों का प्रदर्शन किया लोग अपने पौराणिक परंपराओं में खो कर रह गए जट जटिन से लेकर ओलंपिक लड़कियों से उसने महिलाओं से लेकर पुरुषों जादू कैमरा और हजारों दर्शक मानव पूरी तरह से इसमें खो गए थे।
कार्यक्रम में समिति के संरक्षक सत्यदेव राय आर्य, अध्यक्ष सुधीर कुमार सिन्हा उपाध्यक्ष राकेश पाठक मनोज मेहसवी, सुदिष्ट नारायण ठाकुर, चंद्रभूषण कुशवाहा, मनोज कुमार, तारकेश्वर दुबे, शंकर कुशवाहा, हामिद रजा,बीके वीरेंद्र, जयंत कुमार मोनू, दीपू कुमार, सफी अहमद खान, कृत नारायण कुशवाहा, मंजय चौरसिया, राकेश कुमार, मो हुसैन, साहेब कुमार, राजीव कुमार, गोलू खेलानी सहित अन्य सदस्यों ने प्रमुख भूमिका निभाई।