जिले में 4 सालों में कालाजार के 75 प्रतिशत तक मरीज हुए कम
रिपोर्टर नीतेश कुमार
मोतिहारी,पू०च०।
पूर्वी चंपारण जिला कालाजार के मरीजों के इलाज व जागरूकता में अग्रणी साबित हो रहा है। यहां पिछले 4 वर्षों के आंकड़ों के अनुसार कालाजार के मामलों में काफी कमी आ रही है। वर्तमान में इस जिले में 75 प्रतिशत तक मरीजों के मामलों में कमी आ चुकी है। उन्होंने बताया कि कालाजार, बालू मक्खियों के काटने से होता है। पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य विभाग के अथक प्रयास व जागरूकता के कारण यह संभव हो पाया है कि जिले में कालाजार के मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है। भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि कामिश वेब पोर्टल पर कालाजार के मरीजों का डाटा सुरक्षित रखते हुए मरीजों की निगरानी तथा उनके आंकड़ों का प्रबंधन की जाती है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के भीबीडीएस व केयर इंडिया के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर द्वारा कालाजार के मरीजों की फॉलोअप जांच 1 माह 6 माह एवं 12 माह पर की जाती है। रिपोर्ट को पुनः कामिश वेब पोर्टल पर पर अपलोड किया जाता है। जिसकी निगरानी जिला स्तर के पदाधिकारियों द्वारा की जाती है।राज्य सरकार द्वारा कालाजार के मरीजों की आर्थिक सहायता हेतु 66 सौ रुपए दी जाती वहीं भारत सरकार द्वारा ₹500 अलग से दी जाती है। उन्हें कुल 7100 रुपयों की आर्थिक सहायता दी जाती है।भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कालाजार में व्यक्ति को 2 हफ़्तों से ज्यादा बुखार , तिल्ली का बढ़ जाना, भूख नहीं लगना, वजन में कमी, चमड़े पर दाग होना तथा इस बीमारी में खून की कमी बड़ी तेजी से होने लगती है।समय समय पर जिले के कई प्रखंडों में कालाजार का छिड़काव किया जाता है। उन्होंने बताया कालाजार के कीटनाशक का छिड़काव घरों की दीवार पर छह फुट तक होता था, अब वह पूरी दीवार पर हो रहा है।