कालाजार प्रभावित गांवों का उच्चस्तरीय अधिकारियों द्वारा निरीक्षण
कालाजार प्रभावित गांवों
सत्येन्द्र कुमार शर्मा, सारण
इसुआपुर प्रखंड के कालाजार प्रभावित गांवों का जायजा लिया गया।राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने निरीक्षण किया।चमकी बुखार के प्रति लोगों को जागरूक किया गया।
सारण जिला को कालाजार उन्मूलन करने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। इसको लेकर सामुदायिक स्तर पर कार्यक्रम चलाये जा रहें है। इसी कड़ी में शुक्रवार को वेक्टर बोर्न डिजिज कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. बिनय कुमार शर्मा, एनसीवीबीडीसीपी के क्षेत्रीय निदेशक डॉ कैलाश, विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य समन्वयक डॉ राजेश पांडेय के द्वारा सारण जिले के इसुआपुर प्रखंड के कालाजार प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया गया।
इस दौरान अधिकारियों के द्वारा छिड़काव कार्य का सघन अनुश्रवण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। अधिकारियों के द्वारा इसुआपुर के आठ गांव अगौथर, महोली, डटरा, आतल, निपनिया, छपिया, नवादा, चैनपुरा में कालाजार कार्यक्रम की स्थिति की जानकारी ली गयी। राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. बिनय कुमार शर्मा ने कहा कि सारण जिला कालाजार उन्मूलन की ओर अग्रसर है।
अब यह अंतिम पड़ाव की ओर है। एक मात्र प्रखंड कालाजार प्रभावित है। इसुआपुर प्रखंड में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इस दौरान अधिकारियों ने कालाजार के मरीजों से मिलकर फिडबैक लिया। मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं तथा उपचार के बारे में जानकारी ली गयी।
छिड़काव कार्य का लिया जायजा:
इस दौरान पदाधिकारियों के द्वारा छिड़काव कार्य का जायजा लिया गया। राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि कालाजार प्रभावित ग्रामों के सभी घरों, गौशालाओं में छिड़काव कराया जाना है। गुणवत्तापूर्ण छिड़काव की दृष्टि से पर्यवेक्षण अत्यंत आवश्यक है।
प्रखंड स्तर पर विभिन्न स्तर के पदाधिकारियों के द्वारा पर्यवेक्षण सुनिश्चित किया जायेगा। प्रत्येक दिन कार्य समाप्ति के बाद दिन भर के छिड़काव कार्य की मानक के अनुरूप समीक्षा की जायेगी एवं आवश्यक सुधार किया जाये। पैची छिड़काव एवं ओवरलैपिंग पर कड़ी निगरानी रखी जाये।
चमकी बुखार के प्रति जागरूकता के लिए निकाली गयी रैली:
इस दौरान इसुआपुर प्रखंड में राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी के नेतृत्व में चमकी बुखार से बचाव के प्रति जागरूकता के लिए रैली निकाली गयी तथा चमकी को धमकी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया गया। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि गंभीर बीमारी चमकी से पीड़ित बच्चों को समय पर इलाज किया जाये तो वह पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं।
इसमें तीन बातों को याद रखने की जरूरत है। इसमें पहली यह है कि बच्चों को रात में सोने से पहले खाना जरूर खिलायें। इसके बाद सुबह उठते ही बच्चों को भी जगाएं। देखें कि बच्चा कहीं बेहोश या उसे चमकी तो नहीं हुई है। बेहोशी या चमकी दिखते ही तुरंत एंबुलेंस या किसी दूसरे वाहन से अस्पताल ले जायें। चमकी बुखार से पीड़त बच्चों को अस्पताल पहुंचाने के लिए गाड़ी का भाड़ा स्वास्थ्य विभाग देती है।
इस मौके पर राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. बिनय कुमार शर्मा, एनसीवीबीडीसीपी के क्षेत्रीय निदेशक डॉ कैलाश, डब्ल्यूएचओ के राज्य समन्वयक डॉ. राजेश पांडेय, डीएमओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह, वेक्टर जनित रोग सलाहकार सुधीर कुमार, केयर इंडिया के डीपीओ आदित्य कुमार समेत अन्य मौजूद थे।
कालाजार के लक्षण व उपाय :
कालाजार एक घातक बीमारी है। यह बालू मक्खी के काटने से होता है। बालू मक्खी घर, नमी वाले स्थानों एवं छिद्रों में अंडा देती है। मक्खी काटने से मनुष्य को तेज बुखार आता है। इस रोग का त्वरित उपचार नहीं होने पर मनुष्य असमय काल के गाल में समा जाते हैं।
कालाजार का बचाव ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। इससे बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें और जमीन पर सोने से बचें। दवा छिड़काव होने के तीन माह बाद तक दीवारों पर किसी भी तरह की पुताई न करें। अपने घर के आसपास साफ-सफाई रखें और नमी वाले स्थान पर कूड़ा-कचरा जमा न होने दें।