गर्म हवाएं लू से प्रभावित व्यक्तियों के समुचित ईलाज की व्यवस्था रखें चुस्त-दुरूस्त :जिलाधिकारी

गर्म हवाएं लू से प्रभावित व्यक्तियों के समुचित ईलाज की व्यवस्था रखें चुस्त-दुरूस्त :जिलाधिकारी

हीट वेव से बचाव हेतु आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी का व्यापक प्रचार-प्रसार कराने का निदेश।

अतुल कुमार

बेतिया। 
जिलाधिकारी कुंदन कुमार द्वारा आज कार्यालय प्रकोष्ठ में आमजन को हीट वेव से बचाव एवं चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराने हेतु की जा रही तैयारियों की समीक्षा की गई।जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में हीट वेव से प्रभावित लोगों के समुचित ईलाज के लिए चिकित्सा व्यवस्था सुदृढ़ की जाय।

इस हेतु डॉक्टर, नर्सेज, कर्मी की उपस्थिति, एंबुलेंस की उपलब्धता आदि की समुचित व्यवस्था करें।उन्होंने कहा कि हीट वेव से बचाव के लिए नियमित रूप से जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाय ताकि गर्म हवाएं/लू से आमजन को प्रभावित होने से बचाया जा सके।

आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार द्वारा जारी एडवाइजरी का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित किया जाय।सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि हीट वेव से प्रभावित व्यक्तियों के ईलाज हेतु सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में संबंधित दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता है। साथ ही पूरे स्वास्थ्य अधिकारियों, डॉक्टरों एवं कर्मियों को अलर्ट पर रखा गया है।

जिला आपदा प्रभारी पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि आमजन को गर्म हवाएं/लू से बचाव हेतु आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी सुरक्षा के उपायों का प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। आमजन साधारण सावधानी बरत कर अपने आपको सुरक्षित रख सकते हैं।जहां तक संभव हो कड़ी धूप में बाहर नहीं निकलें।जितनी बार हो सके पानी पीयें, प्यास नहीं भी लगे तो भी पानी पीयें।

सफर में अपने साथ पीने का पानी हमेशा रखें।जब भी बाहर धूप में जायें, हल्के रंग के ढ़ीले-ढ़ाले सूती कपड़े, धूप के चश्में इस्तेमाल करें। गमछे या टोपी से अपने सिर को ढ़ंके और खाली पांव धूप में नहीं चलें।अधिक तापमान में कठिन काम नहीं करें।

हल्का भोजन करें। अधिक पानी की मात्रा वाले फल जैसे-तरबूज, खीरा, नींबू, संतरा आदि का सेवन करें तथा ज्यादा प्रोटिन वाले भोजन का सेवन न करें, जैसे-मांस व मेवे, जो शारीरिक ताप को बढ़ाते हैं। घर में बना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक-चीनी का घोल, छांछ, नींबू-पानी, आम का पन्ना आदि का नियमित सेवन करें।बच्चों एवं पालतू जानवर को बंद वाहनों में अकेला नहीं छोड़ें।

जानवरों को छांव में रखें और उन्हें खूब पानी पीने को दें। लू लगने की स्थिति में जैसे कि बेहोशी या चक्कर लगना, उल्टी, सिरदर्द, अत्यधिक प्यास लगना, दिल की धड़कन तेज होना आदि होने पर तुरंत चिकित्सक के पास जायें। स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान और आगामी तापमान में परिवर्तन के बारे में सतर्क रहें।

अगर आपकी तबीयत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
लू लगने पर क्या करेंः- लू लगे व्यक्ति को छांव में लिटा दें। अगर तंग कपड़े हो तो उन्हें ढ़ीला कर दें अथवा हटा दें।

ठंडे गीले कपड़े से शरीर पोछें या ठंडे पानी से नहलायें। व्यक्ति को ओआरएस, नींबू, पानी, नमक-चीनी का घोल पीने को दें, जो शरीर में जल की मात्रा को बढ़ा सके। यदि व्यक्ति पानी की उल्टियां करें या बेहोश हो तो उसे कुछ भी खाने व पीने को नहीं दें।

लू लगे व्यक्ति की हालत में एक घंटे तक सुधार नहीं हो तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में ले जायें।इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, अनिल कुमार, अपर समाहर्ता, नंदकिशोर साह, जिला आपदा प्रभारी पदाधिकारी, अनिल राय, सिविल सर्जन, पश्चिम चम्पारण सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।