चमकी की धमकी लोगों में जागरूकता हेतु स्वास्थ्य विभाग का पहल

चमकी की धमकी लोगों में जागरूकता हेतु स्वास्थ्य विभाग का पहल

चमकी की धमकी लोगों में जागरूकता हेतु स्वास्थ्य विभाग का पहल

P9bihar news 


सत्येन्द्र कुमार शर्मा

सारण :-  स्वास्थ्य विभाग धमकी देकर  चमकी बुखार के प्रति लोगों को जागरूक कर रहा है।तीन धमकी से चमकी को दूर भगाने की तैयारी है।इस गर्मी में हम मिलकर चमकी को धमकी देंगे।

 किसी भी घटना के बारे में आगाह करने की दी गई चेतावनी को आमतौर पर 'धमकी' कहा जाता है। 'धमकी' का मतलब निगेटिव होता है। मगर बिहार में इस 'धमकी' शब्द का इस्तेमाल चमकी नाम के रोग के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए किया जा रहा।  स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक अवेयरनेस एडवरटिजमेंट स्वास्थ्य केंद्रों पर व सार्वजनिक जगह पर लगाया गया  गया है, जिसमें 'चमकी की धमकी' का जिक्र किया गया है। 'धमकी' देने के तीन तरीके भी सुझाए गए हैं।

'चमकी की धमकी' की तीन बातें--

स्वास्थ्य विभाग के पोस्टर में कहा गया है कि 'इस गर्मी हम मिलकर देंगे चमकी की धमकी। ये तीन धमकियां याद रखें।' इसके बाद सिलसिलेवार तरीके से धमकियों को बताया गया है।

1. खिलाओ : बच्चों को रात में सोने से पहले भरपेट खाना जरूर खिलाएं। यदि संभव हो तो कुछ मीठा भी खिलाएं।

2. जगाओ : सुबह उठते बच्चों को भी जगाएं, देखें कहीं बेहोशी या चमकी तो नहीं।

3.अस्पताल ले जाओ : बेहोशी या चमकी देखते ही आशा को सूचित कर तुंरत नि:शुल्क 102 एम्बुलेंस या उपलब्ध वाहन से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं।

15 साल तक के बच्चे  सबसे ज्यादा होते हैं प्रभावित:

गर्मी के मौसम में चमकी बीमारी सारण, सिवान, गोपालगंज समेत उत्तर बिहार में देखने को मिलती हैं। 15 साल तक के बच्चे इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।  इसके इलाज को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। बोलचाल की भाषा में एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम को चमकी बुखार कहा जाता है। इसे दिमागी बुखार के नाम से भी कुछ लोग जानते हैं। इससे पीड़ित मरीज का शरीर अचानक सख्त हो जाता है। मस्तिष्क और शरीर में ऐंठन शुरू हो जाती है। 15 साल तक के बच्चे इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित होते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक इम्यूनिटी कम होना इसकी एक वजह है। बहुत ज्यादा गर्मी और नमी के मौसम में ये बीमारी ज्यादा होती है।