जुलूस-ए-मोहम्मदी को अमन का पैग़ाम हुज़ूर की आमद मरहबा की हर तरफ़ गूंज-- हाजी आफताब आलम खान

जुलूस-ए-मोहम्मदी को अमन का पैग़ाम हुज़ूर की आमद मरहबा की हर तरफ़ गूंज-- हाजी आफताब आलम खान

जुलूस-ए-मोहम्मदी को अमन का पैग़ाम हुज़ूर की आमद मरहबा की हर तरफ़ गूंज-- हाजी आफताब आलम खान

P9bihar news 

सत्येेन्द्र कुमार शर्मा

सारण :-  मुस्लिम समुदाय के लोग अपने प्यारे नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की दुनिया में आमद की ख़ुशियाँ मनाने गली-कूचों और सड़कों पर निकले। जिसमें चहकते बच्चे, खिलखिलाते युवा, और बुजुर्गों की नजरों में अकीदत और मुहब्बत के फूल चमक रहे थे। ये पुरनूर मंजर छपरा में रविवार को अहल ए सुबह देखने को मिले। ईद-मिलादुन्नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के अवसर पर सारण ज़िला के हर गाँव क़स्बे से जुलूस-ए-मुहम्मदी निकाला गया।

जूलूस-ए-मुहम्मदी का कारवां जहां-जहां से भी गुजरा अमन का पैगाम भी देता गया। जुलूस में शामिल लोगों की संख्या हज़ारों में थी, जो टोली बना कर गाँव और शहरों के गली सड़कों पर बेहद शांति से गुजर रहे थे, यही शालीनता उनके पैगंबर की अज़मत और पैग़ाम को बयां कर रही थी। जुलूस-ए-मोहम्मदी का कारवाँ अजायबगंज, जलालपुर, ब्रह्मपुर, मासूमगंज, नबीगंज, शेखटोली, बुट्टी मोड़, दौलतगंज, चिकटोली, फिदर बाज़ार, गुदरी बाजार, मिरचाईया टोला, काशी बाजार मजार शरीफ़, थाना रोड, गरहीतीर, प्रगति नगर, भरत मिलाप चौक, कुंवारे पीर बाबा मज़ार शरीफ़, नई बाजार, मालखाना, चौक डाकबंगला रोड, थाना चौक, म्यूनिसिपल चौक, सलेमपुर, मौना, पकड़ी तेलपा, रौज़ा, दालदली बाज़ार, मौला मस्जिद, राहत रोड, करीमचक, खनुआ, पहुँचा

जहां पर उलेमा एकराम ने तक़रीर फ़ातिहा पढ़ा और मुल्क में अमन व चैन आपसी भाईचारे के लिए दुआ माँगी। पुनः सोनारपट्टी, थाना चौक, दहियावाँ, महमूद चौक, डाकबंगला रोड, कुंवारे पीर बाबा मज़ार शरीफ़, भरत मिलाप चौक, भगवान बाज़ार चौक, काशी बाजार, गुदरी बाहरी सड़क, श्यामचक, ब्रह्मपुर मोहल्ला, तक पहुँचा और फातिहा, सलाम व दुआ के साथ समाप्त हुआ।


बच्चों की खुश्बूदार टोली: 'जश्ने आमद-ए-रसूल अल्लाह ही अल्लाह, बीबी आमना के फूल अल्लाह ही अल्लाह’जुलूस में शामिल फूल जैसे बच्चों की टोलियाँ इस नाअत को बार-बार दुहरा रही थीं। बच्चे, नौजवानों और बुजुर्गों में मुहब्बत की खुशबू इस कदर पेवस्त थी कि शहर की फिज़ाओं में खुशबू बिखेर रही थी। बच्चों और नौजवानों के हाथों में झंडे थे। जूलूस में कई ख़ूबसूरत और बेहतरीन झांकियँ नज़र आईं गाड़ियों को फूल मालाओं से सजाया गया था

जिसमें मुफ़्ती, मौलाना, हाफ़िज़ और इमाम इमाम साहेबान और छोटे बच्चे सवार थे जूलूस में ऊँट और घोड़े भी नज़र आ रहे थे। जिसपर बच्चे सवार थे जिससे जुलूस की रौनक़ और बढ़ रही थी। अक़ीदतमंद लोगों ने पानी शरबत मिठाइयाँ बाँटी एक दुसरे के गले मिलकर मुबारकबाद पेश की और ईद-मिलाद-उन-नबी की ख़ुशियाँ मनाई।