निक्षय मित्र बन टीबी मरीजों की मदद को आगे आयें - डॉ आशुतोष शरण
निक्षय मित्र बन टीबी मरीजों की मदद को आगे आयें - डॉ आशुतोष शरण
निक्षय मित्र बन टीबी मरीजों की मदद को आगे आयें - डॉ आशुतोष शरण
P9bihar news
प्रमोद कुमार
मोतिहारी,पू०च०।
जिले के टीबी मरीजों के पोषण संबंधी सहयोग के लिए मोतिहारी के डॉ आशुतोष शरण द्वारा पहल की गई है। उन्होंने निजी तौर पर 25 टीबी मरीजों का चयन कर उनके बीच सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा में पौष्टिक पोषाहार वितरित किया है । ताकि टीबी मरीजों की सेहत में सुधार हो सके। डॉ शरण का कहना है कि टीबी मरीजों को गोद लेने की अपील की जानकारी उन्हें समाचार पत्रों व स्वास्थ्य विभाग की अपील से हुई। तब उन्होंने एवं उनकी पत्नी डॉ जसबीर शरण ने सोचा कि क्यों न टीबी मरीजों की मदद की जाए।
उन्होंने टीबी मरीजों को मदद करने की इच्छा जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रंजीत रॉय को बताई। तब उन्होंने उन्हें निक्षय मित्र बनने के तरीकों की जानकारी दी, औऱ उन्हें निक्षय मित्र बनाते हुए धन्यवाद दिया। फिर डॉ शरण दम्पति के द्वारा अपने निजी क्लिनिक पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में निक्षय पोषण योजना के तहत सामग्रियाँ उपलब्ध कराई गई।डॉ आशुतोष शरण ने बताया कि निजी तौर भी टीबी का इलाज हम करते हैं। टीबी मरीजों के दुःख दर्द से वाकिफ हैं।
इसलिए टीबी मरीजों की मदद को उन्होंने हाथ बढ़ाया है। डॉ शरण का कहना है कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है जो माइक्रोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु की वजह से होती है। इसके कारण व्यक्ति की इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो जाती है। इससे सुरक्षित रहने के लिए दवा सेवन के साथ ही संतुलित आहार का सेवन जरूरी होता है। डॉ शरण ने मोतिहारी के जिला यक्ष्मा केंद्र में हर गुरुवार को सुबह 10:30 से निःशुल्क सेवा देने की ठान ली है,। ताकि एमडीआर जैसे रोगियों की बेहतर इलाज व देखभाल हो सके । उन्होंने बताया टीबी होने पर दवा का ठीक ढंग से सेवन न करने पर एमडीआर टीबी का खतरा बढ़ जाता है।
संचारी रोग पदाधिकारी पूर्वी चंपारण डॉ रंजीत राय ने कहा कि निक्षय पोषण योजना केंद्र सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं में से एक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीबी से ग्रसित लोगों के लिए इस योजना की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री ने विभिन्न सामाजिक संगठनों और लोगों से अनुरोध किया है कि टीबी के मरीजों को पौष्टिक आहार देने हेतु आगे आएँ औऱ उन्हें गोद लेकर 6 माह तक उनके लिए पौष्टिक आहार में भूना चना, सत्तू, सोयाबिन, गुड़, मूंगफली, बिस्किट आदि खाद्य पदार्थो की पैकेट सूची के अनुसार वितरण करें।
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रंजीत राय ने बताया कि दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या बुखार आना, खांसी के साथ मुंह से खून आना, भूख में कमी और वजन कम होना आदि लक्षण दिखे तो तुरंत उसकी टीबी की जांच कराएं। टीबी रोग की समस्त जांच और दवाइयां सरकार की तरफ से अस्पताल में मुफ्त मिलती हैं। साथ ही प्रधानमंत्री निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों के लिए उनके खाते में 500 रुपये भेजी जाती है।