धर्मात्मा महापुरूषों की कृति के चलते अधर्मी व पापी के नाम भी अमर :- पवनदास शास्त्री
धर्मात्मा महापुरूषों की कृति के चलते अधर्मी व पापी के नाम भी अमर :- पवनदास शास्त्री
राकेश कुमार सिंह,
गडखा :- प्रखंड के कोठिया-नरांव के धनौरा में चल रहे रूद्र महायज्ञ के प्रांगन में मंच से राम कथा श्रवण करने वालों का अब जन शैलाब उमरता जा रहा है। मंच से श्रीरामचंद्र के महिमा का गुणगान करते हुए अयोध्या के प्रख्यात कथा वाचक पवन दास शास्त्री ने यज्ञ के पाॅचवे दिन रविवार को रात्रीं में कहा कि रामजी से बैर भाव रखते हुए भी रावण का नाम अमर हो गया।
क्योकि राम ने अधर्मी का वध कर राम राज कायम कर आम लोगो को सुकून दिया था।रावण को आज हम राम के चलते याद करते है और जबतक श्रृष्टि रहेगी याद करते रहेंगे।रावण जैसे अधर्मी का भी मोक्ष और उद्धार हुआ ।रामजी से जुडे हर लोग सदा के लिए याद किए जाते रहेंगे।उनके पिताजी को भी हम याद करते है क्योकि वे श्रीराम के जन्मदाता थे।
उनके प्रसंग को सुनकर लोग आत्म विभोर हो गये और उनके कथा में छूपी शिक्षा को ग्रहण करते हुए राम के जीवन चरित्र पर चलने की गुर सीखी जाती है।कथा के साथ उनके मनोरम भजन भी मन भावन होता है। राम का नाम लेकर जो मर जायेंगे वो अमर नाम दुनिया में कर जायेंगे।
यह भजन उपस्थित जन समुदाय को कथा वाचक के साथ झूमने पर विवश कर दिया।लोग देर रात तक कथा श्रवण किए उसके बाद बक्सर से आए रामामंडली का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
मुखिया धनंजय सिंह उर्फ टुनटुन सिंह, जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि सह भाजपा नेता अजय मांझी, पंचायत के सरपंच आदित्य सिंह दीक्षित, पंचायत समिति सदस्य जालंधर ठाकुर एवं रनंजय सिंह द्वारा राममंडली के सदस्यों को सम्मानित किया गया उसके बाद सबने राममंडली का आनन्द देर रात तक लुत्फ उठाया।