राज्य स्तर पर डेंगू नियंत्रण कक्ष रोकथाम के लिए विभाग संकल्पित
राज्य स्तर पर डेंगू नियंत्रण कक्ष रोकथाम के लिए विभाग संकल्पित
P9bihar news
सत्येेन्द्र कुमार शर्मा
सारण :- डेंगू की रोकथाम डेंगू की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग संकल्पित हैं।राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है।चिकित्सकीय उपचार तथा समुचित प्रबंधन की सतत निगरानी किया जाएगा।
सरकारी अस्पतालों में भर्ती डेंगू के मरीजों के लिए प्लेटलेट्स नि:शुल्क उपलब्ध किया जाएगा।किसी भी जानकारी के लिए कॉल सेंटर 104 पर संपर्क किया जा सकता है।
छपरा जिले सहित राज्य के कई जिलों में डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं। ऐसे में डेंगू की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है। डेंगू के बढ़ रहे प्रकोप से उत्पन्न स्थिति की रोकथाम एवं मरीजों के चिकित्सकीय उपचार तथा उसके समुचित प्रबंधन की सतत् निगरानी के लिए राज्य स्तर पर 104 कॉल सेन्टर में राज्य नियंत्रण कक्ष, डा० विनय कुमार शर्मा, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (मलेरिया, कालाजार, डेंगू) की देख-रेख में स्थापित किया गया है।
नियंत्रण कक्ष में तीन शिफ्ट में पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है। नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त पदाधिकारी प्रत्येक दिन जिलों एवं चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों में डेंगू जाँच किट की उपलब्धता एवं दैनिक खपत, डेंगू के लक्षण वाले मरीजों की जाँच, भर्ती एवं डिस्चार्ज की स्थिति, प्लेटलेट्स की उपलब्धता एवं दैनिक खपत तथा किसी मरीज के आपातकालीन स्थिति की सूचना प्राप्त होने पर उसके समुचित चिकित्सकीय उपचार का प्रबंध, एम्बुलेस की व्यवस्था एवं उसके उपचार प्रारंभ होने तक अनिवार्य समन्वय बनाये रखने के दायित्व का निर्वहन करेंगे।
डेंगू से संबंधित उपचार तथा समुचित प्रबंधन की जानकारी ली जाएगी:
ज्ञात हो कि उक्त नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त अधिकारी व कर्मी प्रत्येक दिन राज्य के सभी जिला अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों से डेंगू से संबंधित चिकित्सकीय उपचार तथा उसके समुचित प्रबंधन की जानकारी हासिल करेंगे। जिसमें पहला डेंगू जांच किट की उपलब्धता एवं दैनिक खपत, डेंगू के लक्षण वाले मरीजों की जांच, दूसरा भर्ती एवं डिस्चार्ज की अद्यतन स्थिति, प्लेटलेट्स की उपलब्धता एवं दैनिक खपत की जानकारी मुहैया करानी है।
इसके अलावा किसी मरीज के आपातकालीन या आकस्मिक स्थिति की सूचना मिलने पर उसे समुचित चिकित्सकीय उपचार का प्रबंध करना। यानि मरीज को एंबुलेंस की व्यवस्था एवं क्लीनिकल जरूरत के तहत उसके इलाज प्रारंभ होने तक अनिवार्य समन्वय बनाये रखने के दायित्व का निर्वहन करेंगे।
डेंगू के मरीज चिह्नित होने पर सीएस को जानकारी देनी होगी:
सभी निजी अस्पताल व जांच घरों को डेंगू के मरीज चिह्नित होने पर सीएस को जानकारी देनी होगी। साथ ही, जांच को लेकर इस्तेमाल किट से भी अवगत कराया जा सकता है, ताकि डेंगू के मरीज़ पाए जाने पर इसको रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाया जा सके। वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के एसपीओ डॉ. विनय कुमार शर्मा ने सिविल सर्जन को डेंगू की जांच ज़िले के निजी अस्पताल एवं जांच घरों में कराने से संबंधित दिशा-निर्देश दिया है।
साथ ही, कहा गया है कि निजी अस्पतालों एवं जांच घरों में डेंगू की जांच रैपिड डायग्नोस्टिक किट (आरडीटी किट) से करने के बाद परिणाम आते ही उसे डेंगू मरीज घोषित कर दिया जाता है, जबकि केंद्र सरकार द्वारा डेंगू की आधिकारिक रूप से जांच की प्रक्रिया केवल एलिसा एनएस वन एवं आईजीएम किट से करने का निर्देश है। इसका अनुपालन किया जाए।
डेंगू के लक्षण :
• अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार
• मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना
• आंखों के पीछे दर्द होना जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है
• जी मिचलाना एवं उल्टी होना
• गंभीर मामलों में नाक मुंह मसूड़ों से खून आना
• त्वचा पर चकत्ते उभरना