दिल में छेद वाले बच्चों के लिए वरदान मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना

दिल में छेद वाले बच्चों के लिए वरदान मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना

दिल में छेद वाले बच्चों के लिए वरदान मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना

सत्येन्द्र कुमार शर्मा

, सारण :- आरबीएसके की टीम क्षेत्र में बच्चों की पहचान करती हैं।बिहार सरकार के द्वारा सभी तरह के खर्चो का वहन किया जाता है।मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना पार्ट-2 में यह शामिल है।

दिल में छेद की समस्या वाले बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल ह्रदय योजना वरदान साबित हो रही है । इस योजना की मदद से ऐसे बच्चों का इलाज किया जाता , जिनके दिल में छेद है। इसके लिए नि:शुल्क इलाज  की सुविधा है। स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की टीम द्वारा पहले ऐसे बच्चों को चिह्नित  किया जाता है।

जिला स्तरीय अस्पताल में आवश्यक जांच के बाद पटना स्थित इंदिरा गांधी ह्रदय रोग संस्थान भेजा जाता है। जिन बच्चों को दिल के छेद की समस्या के मामले में सर्जरी की आवश्यकता होती , उन्हें अहमदाबाद भेजा जाता है।

यदि किसी बच्चे को दिल में छेद की समस्या है तो उसके इलाज की प्रक्रिया के बारे में नजदीकी प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी या आरबीएसके चिकित्सकों को इसकी सूचना दी जा सकती ।

स्क्रीनिंग से लेकर आने-जाने का खर्च सरकार करती है वहनः 
आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ. अमरेंद्र कुमार सिंह ने बताया बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या है। उक्त बीमारी से पीड़ित बच्चे का बाल हृदय योजना के तहत सरकार द्वारा पूरा  निःशुल्क इलाज कराया जाता है। यही नहीं, पीड़ित बच्चे और उसके अभिभावक के इलाज के लिए आने-जाने का खर्च भी सरकार ही वहन करती है।

बच्चों को इलाज के लिए भेजा जाता है अहमदाबाद :

सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि योजना के तहत दिल में बीमारी वाले बच्चों को गुजरात के अहमदाबाद के सत्य साईं अस्पताल में भेजा जाता है। जिससे सरकार ने एग्रीमेंट किया है। जिले से बच्चों को इलाज के लिए वहां भेजा जाता  और वहां मुफ्त में इलाज करवाया जाता है।

इस योजना के कार्यान्वयन  की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग को दी गई है। जिसमें आरबीएसके की टीम पूरी तरह से सहयोग में लगी हुई है। उन्होंने कहा, इस योजना से गरीब व मध्यम परिवार को काफी सबल मिला है।

दिल की बीमारी से ग्रसित बच्चों के माता-पिता का मानना है कि उनकी आर्थिक स्थिति उन्हें अपने बच्चे के इलाज के लिए दूसरे राज्य में जाने की अनुमति नहीं देती है। ऐसे में, बिहार सरकार की यह योजना उनके लिए वरदान साबित हुई है।

माता पिता को अब चिंता करने की जरूरत नहीं:
जिले में दिल की बीमारी से ग्रसित बच्चों के माता पिता को अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। उनके बच्चे के दिल की बीमारियों का इलाज अब राज्य सरकार के द्वारा नि:शुल्क कराया जा रहा है। जिसके लिए राज्य सरकार बाल हृदय योजना का संचालन कर रही है।

राज्य सरकार के कार्यक्रम (2020-2025) के अन्तर्गत आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 में हृदय में छेद के साथ जन्में बच्चों के निःशुल्क उपचार की व्यवस्था हेतु स्वीकृत नई योजना ‘बाल हृदय योजना’ कार्यक्रम के तहत यह सुविधा प्रदान की जा रही है। जिसके माध्यम से जिले में अब तक आधा दर्जन से अधिक बच्चों के दिल की धड़कनों को ताकत मिली है।