2025 तक टीबी उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध:- सीएस 

2025 तक टीबी उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध

2025 तक टीबी उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध:- सीएस 

सत्येन्द्र कुमार शर्मा, सारण :-
टीबी हारेगा देश जीतेगा के तहत अभियान चल रहा है। सीएमई का आयोजन किया गया। लेटेंट टीबी इंफैक्शन वाले मरीज को चिन्हित कर उन्हें टीपीटी से जोड़ा जाएगा।


छपरा शहर के होटल मयूर में वर्ल्ड विज़न इंडिया संस्था और जिला स्वास्थ्य समिति राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम  के द्वारा सीएमई का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के अंतर्गत सभी  निजी चिकित्सक और निजी अस्पताल के डॉक्टर मौजूद हुए।


इस कार्यक्रम का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ सागर दुलार सिन्हा और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव और अध्यक्ष डॉ शालिग्राम विश्कर्मा, डॉ दिपक और डॉ रविशंकर ने दीप प्रज्वलित कर किया। भारत सरकार टीबी उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है बर्ष 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। यह बाते सिविल सर्जन डॉ सागर दुलार सिन्हा ने सीएमई  के आयोजन में कही।

उन्होंने कहा कि प्रोग्रामेटिक मैनेजमेंट ऑफ टीबी प्रिवेंटिव ट्रेटमेंट (पीएमटीपीटी) आयोजन के तहत लेटेंट टीबी इंफैक्शन वाले मरीज को चिन्हित कर उन्हें टीपीटी से जोड़ा जाएगा। ताकि उनके शरीर के अंदर पनप रहे टीबी के बैक्टेरिया को एक्टिव होने से पहले समाप्त कर दिया जाए। जिससे टीबी फैलाव के चेन को तोड़ने में मदद मिलेगी। जो टीबी उन्मूलन के क्षेत्र में काफी सहायक होगा।

घर घर जाकर कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग किया जायेगा:

वर्ल्ड विज़न इंडिया के जिला समन्वयक रणधीर कुमार  ने बताया कि इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन वर्ल्ड विज़न इंडिया संस्था की ओर से किया गया है… इस कार्यक्रम के तहत सभी प्रखंडों में एलटीबीआई कॉन्सलर की नियुक्ति की गई है।

जो अपने अपने प्रखंड के एसटीएस के साथ मिल कर सभी प्राइमरी टीबी मरीज के घर जाकर उनके साथ रह रहे सभी परिवार के लोगों का कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग करेंगे और वेसे मरीज को चिन्हित करेंगे जिनमे एक्टिव टीबी का कोई लक्षण नही है। इसके बाद वैसे मरीज को टीपीटी से जोड़ कर उन्हें 6 माह इसोनिया z की दवा खिलाया जाएगा।  ताकि लेटेंट टीबी इंफेक्शन को समाप्त किया जा सके,इस अवसर पर उन्होंने सभी निजी चिकित्सक से सहयोग करने की अपील की ।

टीबी मरीज के संपर्क में रहने वाले 5 वर्ष के छोटे बच्चे को खिलाई जाएगी दवा:

डब्ल्यूएचओ के कन्सलटेंट डॉ सौरव ने टीपीटी के ऊपर विस्तार से बताया कि मरीज के सम्पर्क में रहने वाले कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग के दौरान टीबी मरीज के संपर्क में रहने वाले 5 वर्ष के छोटे बच्चे को डॉ के द्वारा लिखी गई पुर्जा पर आइसोनिया Z पर kg 10 mg और 5 वर्ष के ऊपर के लोगो को एक्सरे के बाद आइसोनिया Z पर  kg 5 mg  6 माह तक दिया  जाना है। जिससे टीबी होने से बचाया जा सके।

पांच जिलों में चल रहा जीत 2.0 प्रोग्राम:

 यह कार्यक्रम प्रोजेक्ट जीत 2.0 के तहत राज्य के 5 जिलों (दरभंगा, पूर्णिया, मुजफरपुर, मोतिहारी और सारण) में चलाया जा रहा है। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल , डीपीएम अरविंद कुमार, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव और अध्यक्ष डॉ शालिग्राम विश्कर्मा, डॉ दिपक और डॉ रविशंकर, डीपीसी हिमांशू और रामप्रकाश मौजूद थे।