19 साईट पर जोगीरा से फाईलेरिया पर जागरूक हुई जनता

19 साईट पर जोगीरा से फाईलेरिया पर जागरूक हुई जनता

प्रमोद कुमार 
 
वैशाली।
फाईलेरिया जैसी बीमारी हमारे समाज के लिए अभिशाप है, इससे मुक्ति के लिए जितनी जागरूकता फैलायी जाएगी, उतनी ही जल्द समाज फाईलेरिया से उन्मूक्त हो पाएगा। ये बातें शुक्रवार को दिघ्घी पश्चिम वार्ड सदस्य दर्शन राम और दीघी पूर्व की मुखिया नीतू देवी ने फाईलेरिया उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग व सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च की तरफ से चल रहे नुक्कड़ नाटक के समापन पर कही।

अभी तक नाइट ब्लड सर्वे के 19 साईटों पर नुक्कड़ नाटक व अन्य माध्यमों के जरिए जागरुकता फैलायी गयी है।


जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सत्येन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि जहां - जहां नाइट ब्लड सर्वे किया गया है वहां पर जागरूकता कार्यक्रम किए गए हैं। जिसमें 24 से शुरू हो रहे आइडीए कार्यक्रम के बारे में भी लोगों को बताया गया। नुक्कड़ नाटक के गीतों और संवादों ने दर्शकों के मन मस्तिष्क पर फाईलेरिया के बारे में जो छाप छोड़ी वह हरेक के लिए एक सबक थी।नाटक में फाइलेरिया से पीड़ित एक आदमी सुखदेव गांव वालों को जागरूक कर रहा है।

अपने दुख दर्द और नासमझी को बता सुखदेव गांव वालों को सचेत कर रहा है, लोगों से उस जैसी गलती नही करने को कहता है, बहुत समझाने के बाद गांव वाले उसकी बात मान लेते हैं।गांवों में फाल्गुन महीने में फाग और जोगीरा गाने की परंपरा रही है। उसी लोकप्रिय जोगीरा की तर्ज़ पर फाइलेरिया के विरुद्ध जन जागरूकता के लिए नया जोगीरा रचा गया जिसे फाइलेरिया पर जागरुकता के लिए प्रभावकारी बनाया गया।  

नाटक में प्रिंस कुमार, सिम्मी, नेहा, अरविंद, आदर्श, सुशांत, संजय, दिनेश और लव कुमार आदि ने पात्रगत अभिनय किया है।मनोरंजन के साथ संदेशों को बनाया गया आसान- 
नुक्कड़ नाटक की शुरुआत गीत एवं संगीत के साथ हुई। जिससे आम लोगों को जोड़ने में सहूलियत हुई।

वहीं, लोगों की भीड़ जमा होने के बाद नाटक के जरिए फाईलेरिया रोकथाम पर कई जानकारी भी दी गयी। जिसमें इसके शुरुआती लक्षण सहित रोकथाम के लिए एमडीए/आईडीए राउंड में दवा सेवन पर बल दिया गया। वहीं फाईलेरिया रोग को लेकर लोगों में फ़ैली कई भ्रांतियों पर भी जानकारी दी गयी। ताकि फाईलेरिया मुक्ति की राह आसान हो सके।

जिला भिबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 24 मार्च से चलने वाले आईडीए अभियान में इस बार तीन दवा खिलाई जाएगी। जिसे डोज पोल के आधार पर खिलाया जाएगा। गंभीर रुप से बीमार, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को यह दवा नहीं दी जाएगी।