चमकी पर गांव-गांव चौपाल आयोजित
- संध्या चौपाल के माध्यम से लोगों को किया जा रहा जागरूक
प्रमोद कुमार
शिवहर, 21 अप्रैल। जिलाधिकारी सज्जन राजशेखर के निर्देश पर जिले के विभिन्न पंचायतों के आंगनबाड़ी केंद्रों पर एईएस, चमकी बुखार, लू एवं अगलगी से बचाव को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। संध्या चौपाल का आयोजन कर लोगों को एईएस से बचाव की जानकारी दी रही है। बुधवार को पिपराही प्रखंड के मीनापुर बलहा पंचायत भवन में संध्या चौपाल का आयोजन किया गया।
आईसीडीएस डीपीओ सुचिता कुमारी, पंचायत के मुखिया अवधेश कुमार, केयर डीटीएल रोहित कुमार की उपस्थिति में ग्रामीण महिलाओं एवं बच्चों को चमकी बुखार से बचाने को लेकर मॉकड्रिल के माध्यम से बताया गया।
बच्चों को भूखे पेट नहीं सोने दें-
आईसीडीएस डीपीओ सुचिता कुमारी ने बताया कि जिले में चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए गांव-गांव तक जन-जागरूकता अभियान चलाए जा रहे है। इसके तहत गांवों में संध्या चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। संध्या चौपाल का आयोजन कर लोगों को चमकी बीमारी को लेकर जागरूक किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि किसी भी कीमत पर बच्चों को भूखे पेट नहीं सोने दें। अगर बच्चे को तेज बुखार हो तो तुरंत क्षेत्र की एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को सूचित करें। नजदीकी पीएचसी में ले जाकर समुचित उपचार कराएं।
पीएचसी स्तर तक सुविधाएं संपूर्ण, दिक्कत आने पर बच्चे को लेकर पहुंचे:
केयर डीटीएल रोहित कुमार ने कहा कि पीएचसी स्तर तक सुविधाएं कर दी गई हैं। हर एक पीएचसी में वातानुकूलित दो बेड का वार्ड चमकी के लिए रिजर्व किया गया है। वहीं सदर अस्पताल में अलग से एईएस के लिए अलग से वार्ड बनाए गए हैं। गांवों में ओआरएस पैकेट बांटे जा रहे हैं।
उन्होंने मौजूद ग्रामीणों से कहा कि समय पर एईएस मरीजों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करा दी जाए तो वह बिल्कुल ठीक हो जाते हैं। इसका प्रकोप अक्सर तड़के सुबह तीन-चार बजे से लेकर सात-आठ के बीच होता है। इसके बचाव में किसी भी बच्चे को रात में बिना कुछ खाना खिलाए नहीं सुलाया जाना चाहिए। वहीं इस अवधि में यदि बच्चे को तेज बुखार होने या अर्द्धबेहोशी की स्थिति आने पर तुरंत ही निकट के अस्पताल में पहुंचाना होगा।