एमटीपी कानून के तहत गर्भ समापन वैध

एमटीपी कानून के तहत गर्भ समापन वैध

प्रमोद कुमार 

सीतामढ़ी,
कोरोना संक्रमण के दौरान गर्भवती महिलाओं को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। इस दौरान सुरक्षित गर्भपात करना भी एक तरह से सबसे बड़ी चुनौती रही है।

इस समस्या के समाधान के उद्देश्य से डुमरा पीएचसी सभागार में आशा कार्यकर्ताओं के लिए उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गई। सुरक्षित गर्भ समापन को लेकर आयोजित कार्यशाला में 45 आशा कार्यकर्ताओं को सुरक्षित गर्भ समापन और एमटीपी एक्ट-1971 के विषय में विस्तृत रूप से बताया गया।

आईपास डेवलपमेंट फाउंडेशन की ट्रेनिंग एण्ड रिसर्च ऑफिसर सीता कुमारी देवी ने सुरक्षित गर्भ समापन, परिवार नियोजन एवं एमटीपी एक्ट के बारे चर्चा की। इस मौके पर बीडीओ अमरेंद्र कुमार, बीसीएम रंजीत कुमार, एमओआईसी धनंजय कुमार, बीएचएम रामप्रवेश सिंह आदि उपस्थित रहे।सीता कुमारी देवी ने बताया कि 20 सप्ताह तक गर्भ समापन कराना वैध है।

लेकिन 12 सप्ताह के अंदर एक प्रशिक्षित डॉक्टर एवं 12 सप्ताह के बाद एवं 20 सप्ताह के अंदर तक में दो प्रशिक्षित डॉक्टर की उपस्थिति में सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल में प्रशिक्षित डॉक्टर की मौजूदगी में होनी चाहिये। अगर कोई महिला अपना गर्भ समापन कराना चाहती तो एमटीपी एक्ट के तहत अपना गर्भ समापन करा सकती है।

सीता कुमारी देवी ने बताया  कि झोलाछाप डॉक्टर, गांव के ओझा आदि से गर्भ समापन कराना अवैध और गैरकानूनी है। इसे लेकर समाज में जागरूकता लानी होगी। इस पर सभी लोगों को प्रयास करने की जरूरत है। 1971 में बने कानून को लेकर हालांकि कुछ शर्तें भी रखी गई हैं। इसे लेकर परिजनों को खास ध्यान देने की आवश्यकता है।

बिचौलिये के संपर्क में नहीं पड़ना चाहिए। समस्या होने पर पास के सरकारी अस्पताल से संपर्क करना चाहिए। सरकारी अस्पतालों में कानूनी तौर पर निःशुल्क गर्भपात की सुविधा उपलब्ध है।12 सप्ताह तक एक प्रशिक्षित डॉक्टर और 13 से 20 सप्ताह के अंदर तक दो प्रशिक्षित डॉक्टर की मौजूदगी में सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सरकारी अस्पताल में गर्भपात होनी चाहिए।