स्वामी परमहंस का ननिहाल नंदपुर से पदयात्रा शुरू कर जन्मभूमि दहियावां से हजारों संतों की रवानगी

स्वामी परमहंस का ननिहाल नंदपुर से पदयात्रा शुरू कर जन्मभूमि दहियावां से हजारों संतों की रवानगी

स्वामी परमहंस का ननिहाल नंदपुर से पदयात्रा शुरू कर जन्मभूमि दहियावां से हजारों संतों की रवानगी

P9bihar news 

मैथिली शुक्ल, माँझी, सारण

छपरा में जन्म लेकर दुनिया भर में भक्ति एवं ज्ञान को प्रकाशित करने वाले अद्वितीय प्रतिभा के धनी परमहंस प्रभुदयाल स्वामी  महाराज का तीन दिवसीय समाधि शताब्दी गुरुवार से शुरू हो गया।सालों पहले छपरा शहर के दहियावां मुहल्ले से निकल कर पाकिस्तान के टेडी नामक स्थान पर उन्होंने अपना आश्रम बनाया था।

वहां योग तथा साधना का ज्ञान देनें वाले स्वामी परमहंस प्रभु दयाल आज से एक सौ तीन वर्ष पहले नौ जुलाई 1919 को पाकिस्तान के टेडी में ही समाधि ले ली थी । इस दौरान स्वामी परमहंस प्रभु दयाल ने ब्रह्म विद्यालय एवं आश्रम की स्थापना कर अपने पंथ को आगे बढ़ाया और अपने अनुयाइयों को इसे और आगे ले जाने का निर्देश दिया। वर्तमान में इस पंथ से जुड़े 80 आश्रम भारत में संचालित हो रहे हैं।

स्वामी परमहंस दयाल का प्रभाव था कि ब्रह्म विद्यालय एवं आश्रम का विस्तार देश विदेश मेंं हुआ और भारत के कई राज्य में आश्रम बनते गए। स्वामी जी के समाधि शताब्दी वर्ष पर देश के कई स्थानों से हजारों सन्यासी और भाक्त गण छपरा जिले के माँझी प्रखंड के नंदपुर गांव स्थित आश्रम में जमा हुए।

पूर्व में प्रसारित कार्यक्रम के तहत स्वामी परमहंस के ननिहाल माँझी के नंदपुर से शनिवार की सुबह पांच बजे से पदयात्रा शुरू किया गया।ज्ञात हो माँझी थाना कोपा थाना रिविलगंज थाना के मौजूदगी में यात्रा का शुभारंभ किया गया।