आकाश ताक रहे किसान, धान के खेत में दरार

आकाश ताक रहे किसान, धान के खेत में दरार

आकाश ताक रहे किसान, धान के खेत में दरार

P9bihar news 


मोतिहारी,पकड़ीदयाल।

प्रखंड के किसान अपनी तकदीर पर रो रहे हैं।सिचाई के लिए आकाश की ओर तकना यहां के किसान की नियति बन गई। धान के पौधों को मानसून तरसा रहा है। लिहाजा किसानों के लिए महंगे खर्च पर निजी जलस्रोत से धान की खेती मजबूरी हो गई है।बारिश ना होने की वजह से धान का बीज ससमय नहीं गिराया जा सका।

अब जब धान की रोपाई के लिए किसानों को बारिश की जरूरत है तो अब बारिश हल्की-फुल्की या नहीं के बराबर हो रही है। धान के बिचड़े तैयार हो जाने की वजह से थक हार कर किसान महंगे दर पर डीजल खरीद कर खेतों में पानी डाल कर धान की रोपाई के लिए कीचड़ तैयार कर रहे हैं।

डीजल महंगे होने के बाद ट्रैक्टर का किराया भी बढ़ा दिया गया है। ऐसे में कृषि लागत में काफी वृद्धि हो गई। पैदावार होने के बाद उस अनुरूप फसल की कीमत नहीं मिल पाती है। ऐसे में खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है।

पंडितपुर के किसान मुन्ना पंडित,सकल पंडित,हरी नारायण पंडित,पप्पू कुमार आदि ने बताया कि यहां की कृषि व्यवस्था मानसून आधारित है। सिचाई व्यवस्था कमजोर होने के कारण फिलहाल जरूरत के अनुरूप निजी बोरिग से काम चला रहे हैं। जो किसान धान रोपाई कर चुके हैं उन्हें फसल बचाने की चिता है।

पकड़ीदयाल क्षेत्र में विद्युतीकरण कार्य अधूरा है। ऐसे में किसानों को महंगे दर पर डीजल खरीद कर सिचाई करनी पड़ रही है। अधूरे विद्युतीकरण कार्य को पूरा कराने में भी शासन प्रशासन रूचि नहीं ले रहा है। ऐसे में किसानों में असंतोष व्याप्त है।