जागरूक पिता की चाहत सबको मिले चमकी से राहत
जागरूक पिता की चाहत सबको मिले चमकी से राहत
प्रमोद कुमार
मुजफ्फरपुर।
राजकुमार राम को आप किसी भी बैठकी में चमकी पर जागरूक करते सुन सकते हैं। जिसमें वह अपनी आपबीती के माध्यम से लोगों को सचेत करते दिखते हैं। वह कहते हैं कि सुबह का समय था जब 2020 में मेरी 8 साल की बबीता को चमकी हो गया था। पूरे एक हफ्ते रहने के बाद वह ठीक होकर आयी। अभी भी उस मंजर को याद कर रूह कांप जाती है।
ग्राम कन्हारा रघु प्रखंड बोचहां के राजकुमार राम कहते हैं बात दो साल पहले की है। जब अचानक सुबह को मेरी बेटी बेसुध पड़ गयी। उसका सारा शरीर अकड़ गयाा था। आँखें ऊपर की ओर हो चुकी थी। मुझे शक हो गया कि इसे किसी भूत -प्रेत ने पकड़ लिया होगा, बगल के ही ओझा को बुलाया। उसने देखकर कहा इसे अस्पताल ले जाओ। जैसे-तैसे कर मैं आधे घंटे के भीतर सीधे एसकेएमसीएच पहुंच गया।
वहां बेहतर इलाज हुआ। करीब एक हफ्ते बाद मेरी बेटी घर लौटी। वहां डॉक्टर साहब ने मुझे चमकी के कारण लक्षण और बचाव के संबंध में समुचित जानकारी दी थी। जिसे मैंने अपने जेहन में उतार लिया।चमकी के संबंध में बबीता से जब पूछा गया कि उसने रात को खाना खाया था तो उसका जवाब नहीं था। राजकुमार राम कहते हैं कि बच्चे रात को खेलते -कूदते कब सो जाते हैं पता ही नहीं चला।
अब मैं इन सब बातों पर पूरा ध्यान देता हूं।राजकुमार राम कहते हैं बबीता के ठीक होने के बाद मैंने संकल्प लिया कि अब मैं जहां कहीं भी बैठकी करूंगा चमकी और स्वच्छता के बारे में लोगों को जरूर बताउंगा।
उन्होंने कहा कि यहां महादलित टोलों में बच्चों के माता-पिता को चमकी के लक्षण दिखने पर सरकारी अस्पताल जाने की सलाह देता हूं। अभी कुछ महीनों पहले पैर टूट गया है फिर भी जितना संभव होता है लोगों से मिलने जुलने के बाद लोगों को चमकी पर बचाव की जानकारी देता हूं । वहीं लोगों को स्वच्छ रहने की भी सलाह देता रहता हूं।