फाइलेरिया रोगी एक दूसरे को सिखा रहे रोग प्रबंधन की कला
फाइलेरिया रोगी एक दूसरे को सिखा रहे रोग प्रबंधन की कला
P9bihar news
प्रमोद कुमार
मुजफ्फरपुर।
फाइलेरिया रोगियों के दैनिक जीवन को आसान बनाने के लिए अब खुद फाइलेरिया रोगी एक दूसरे के लिए मददगार साबित हो रहे हैं। ऐसा ही एक प्रशिक्षण सोमवार को मीनापुर ब्लॉक के कोइली भराव गांव के आंगनबाड़ी संख्या 141 में दिखा, जब लक्ष्मी फाइलेरिया सपोर्ट की नेटवर्क मेंबर शांति देवी ने 20 फाइलेरिया रोगियों को फाइलेरिया रोग प्रबंधन के कला की सीख दी।
शांति देवी ने बताया कि फाइलेरिया में जब सूजन ज्यादा हो जाता है तो नियमित रूप से उसके प्रबंधन की जरूरत होती है। जिससे रोगी को आराम पहुचे। प्रशिक्षण के दौरान फाइलेरिया मरीजों को फाइलेरिया से बचाव एवं साफ-सफाई को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई। फाइलेरिया से ग्रसित अंगों को विशेष रूप से सफाई के बारे में जागरूक किया। फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क मेंबर्स फाइलेरिया रोग से ग्रसित लोगों का समूह है जो लोगों में फाइलेरिया के बारे में जागरूकता फैलाने के अलावा उन्हें उपचार के सही तरीकों से भी अवगत कराता है।
प्रशिक्षण के दौरान शांति देवी ने मौजूदा फाइलेरिया रोगियों को नए फाइलेरिया रोगियों को सरकारी अस्पताल ले जाने की सलाह दी। मालूम हो कि फाइलेरिया एक संक्रामक बीमारी है। इसका प्रसार क्यूलेक्स मच्छर के द्वारा होता है। इस बीमारी के लक्षण उभरने में आठ से दस साल लग जाते है। इसमें व्यक्ति के हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। इसका कोई सफल उपचार संभव नहीं है। पर मौजूदा समय में दवाओं द्वारा इस बीमारी के विस्तार पर पूर्णतया रोक लगाई जा सकती है।
प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को साल में चलने वाले सर्वजन दवा सेवन के तहत मिलने वाली दवाओं को खाना चाहिए। इससे बीमारी के प्रसार को रोका जा सकता है।प्रशिक्षण के दौरान शांति देवी ने बताया कि फाइलेरिया संक्रमित होने पर व्यक्ति को हर महीने एक-एक सप्ताह तक तेज बुखार, पैरों में दर्द, जलन के साथ बेचैनी होने लगती है। एक्यूट अटैक के समय मरीज को अपना पैर साधारण पानी में डुबाकर रखना चाहिए या भीगे हुए धोती या सूती साड़ी को पैर में अच्छी तरह लपेटना चाहिए। मौके पर सूरज तथा रामजी नेटवर्क समूह के लोग उपस्थित थे।