राम नाम के प्रभाव से हलाहल विष भी शिव के लिए अमृत बना :- पवनदास
राम नाम के प्रभाव से हलाहल विष भी शिव के लिए अमृत बना :- पवनदास
राकेश कुमार सिंह,
गडखा, सारण :- प्रखंड अंतर्गत मौजपुर पंचायत के धनौरा गरीबनाथ मंदिर प्रांगण में चल रहे नव दिवसीय रूद्र महायज्ञ में कथावाचक पवनजी महराज ने शुक्रवार की रात्री में प्रवचन मंच से बोलते हुए राम-नाम के महिमा का जमकर प्रशंसा किया।
उन्होने रामचरित मानस के उस दोहे का जिक्र किया जिसमें गोस्वामी दास जी ने लिखा है कि राम नाम का स्मरण कर हलाहल विष का घरा पान करके भी भगवान शंकर के उपर कोई प्रभाव नही परा और विष भी अमृत बन गया।देवता अमृत पान कर के अमर बने और भगवान भोले विषपान कर के अमर बन गये।वे संसार के रक्षार्थ विष पान किए इसलिए उनके लिए विष भी अमृत बन गया।शंकर जी को विष भी अपना प्रभाव नही दिखाया।
उन्होंने राम नाम के महिमा का उदाहरण देकर लोगो में यह प्रेरणा जगाने का काम किया कि जब मानवता की रक्षा हेतु कोई चुनौतिपूर्ण कार्य भी किया जाता है तो वह सहज और उत्म फल दाई हो जाता है।पवन दास जी महारज के अमृत वानी को सुनने के लिए पण्डाल में सत्संग प्रेमियो की भीड़ उमर परी थी।आज भी लोग मोबाईल की दूनिया से दूर हट के संतो की अमृतमय वाणी से अपने जीवन को धन्य बनाने मे पीछे नही है।