एक दिवसीय विचार विमर्श कार्यक्रम आयोजित
प्रमोद कुमार
मोतिहारी,पू०च०।
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के शैक्षिक अध्ययन विभाग द्वारा ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट सतत वैश्विक विकास पर एक दिवसीय विचार विमर्श कार्यक्रम आयोजित किया गया| प्रो.आशीष श्रीवास्तव (विभागाध्यक्ष एवं संकाय अध्यक्ष) ने कार्यक्रम के विषय से अवगत कराया और अपने सुझावों को भी साझा किया। प्रो. श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षक के सतत वैश्विक विकास का रूपरेखा भारत के विभिनता को ध्यान में रखकर बनाया जाए
जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सके| कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो.शारदा सिन्हा (डीटीई, एनसीईआरटी) ने 50 घंटे क्षमता संवर्धन विकास के दस्तावेज से जुड़े पहलुओं को और उसके बनाने के पीछे की मंशा को लोगों के बीच साझा किया| मुख्य वक्ता के तौर पर डॉ जितेंद्र कुमार पाटीदार (डी.टी.ई एन.सी.ई.आर.टी न्यू दिल्ली) मौजूद रहे |
उन्होंने सतत वैश्विक विकास शिक्षक की आवश्यकता और शिक्षक की स्वायत्तता पर प्रकाश डाला| पाटीदार सर ने अपने वक्तव्य में संदर्भित आवश्यकताओं की पहचान अलग-अलग चरणों में किया CRCC BRC, State, National and International स्तर पर की है।कार्यशाला में उपस्थित डॉ सह आचार्य मुकेश कुमार ने शिक्षकों के व्यवहारिक पक्षों पर जोर दिया , वही सहायक आचार्य डॉ. पाथलोथ ओमकार ने अपनापन ,विश्वास जैसे संस्कृति को बढ़ावा देने की बातें कही |सहायक आचार्य डॉ मनीषा रानी ने बताया कि टीचर का सतत वैश्विक विकास तभी संभव है जब वहां का वर्किंग कल्चर अच्छा हो।
कार्यशाला में मौजूद महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय के शोध छात्रों ने भी अपना योगदान दिया और मूलभूत सुझाव दिया, जिससे कि क्राफ्ट डॉक्यूमेंट ऑन सतत वैश्विक विकास शिक्षक शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण बदलाव किया जा सके।कार्यक्रम का कि सूत्रधार और धन्यवाद ज्ञापन डॉ रश्मि श्रीवास्तव(सहायक आचार्य) के द्वारा किया गया|