महात्मा बुद्ध के संदेश को प्रसारित करने का दिन बुद्ध पूर्णिमा 

महात्मा बुद्ध के संदेश को प्रसारित करने का दिन बुद्ध पूर्णिमा 

महात्मा बुद्ध के संदेश को प्रसारित करने का दिन बुद्ध पूर्णिमा 

P9bihar news 

राजेश्वर कुंवर, जलालपुर

सारण :- आज बैशाख की पूर्णिमा है। माँ सरयू के किनारे नाथजी के मंदिर के पास पीपल की ठंडी छांव है। अपूर्ण मन पूर्ण का चिंतन कर रहा है।
आज ही बुद्ध पूर्णिमा भी है। सिद्धार्थ से गौतमबुद्ध की यात्रा का शुभारंभ हुआ है।इसे शुद्ध से बुद्ध की यात्रा कहें या सम्राट से भिक्षुक की यात्रा कहें। तो दूसरी ओर हलचल से शान्ति की यात्रा कहें कि अज्ञानता से ज्ञान की यात्रा ,

यह लौकिकता से पार लौकिकता की यात्रा तो नहीं स्व से वह की यात्रा तो नहीं परिधि से केन्द्र की यात्रा तो नहीं कहें। फिर शाखा से मूल की यात्रा, आत्मा से परमात्मा की यात्रा, लघु से विराट की यात्रा, पिंड से ब्रम्हांड की यात्रा, परमाणु से अणु की यात्रा, सीम से असीम की यात्रा, असत्य से सत्य की यात्रा,

अन्धकार से प्रकाश की यात्रा, मृत्यु से अमरत्व की यात्रा, अपूर्ण से पूर्ण की यात्रा, अन्त में शून्य से शून्य की यात्रा ही तो बुद्ध पूर्णिमा का संदेश है और रहेगा।हम भी अपने आप में शून्यता का अनुभव करते हुए बुद्ध पूर्णिमा व महात्मा बुद्ध शून्य की ओर प्रस्थान करने का संदेश देते हैं जो भविष्य में भी देता रहेगा।