मुख्यमंत्री के नेतृत्व में महिलाओं को सशक्त स्वावलंबी बनाने का मिशाल कायम :- दिनेश

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में महिलाओं को सशक्त स्वावलंबी बनाने का मिशाल कायम :- दिनेश

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में महिलाओं को सशक्त स्वावलंबी बनाने का मिशाल कायम :- दिनेश

P9bihar news 

सत्येंद्र कुमार शर्मा सारण 
मुख्यमंत्री महिला शसक्तीकरण के लिए जाने जाते हैं।महिला शसक्तीकरण के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जाने जाते है।मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बिहार में महिलाओं कौ शसक्त और स्वालंबी बनाने के लिए जो काम हुआ है वह मिशाल है‌।उक्त बाते सारण जिला जदयू के मुख्य प्रवक्ता डा.दिनेश कुशवाहा ने जनता बाजार में एक प्रेस वार्ता के दौरान बुधवार को कही।उन्होंने कहा कि राजनीति का क्षेत्र हो या शिक्षा का या सरकारी नौकरियों का, सरकार की योजनाओं के बदौलत महिलाओं की भागीदारी अन्य राज्यों की तुलना में बहुत ज्यादा है।

बिहार को देखकर अन्य राज्य भी बिहार माडल को लागु कर रहें हैं।जेडीयू ने संगठन में महिलाओं को तैतीस फीसदी पद महिलाओं को देने वाली जेडीयू देश की पहली पार्टी है।पंचायत और शहरी निकायों में महिलाओं के लिए पचास फीसदी आरक्षण करने वाला बिहार देश का पहला राज्य है। आरक्षण के कारण निर्णय लेने की प्रकिया में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है।कुल 8442 मुखिया में पांच हजार महिला मुखिया है।

जिला परिषद हो या नगर निगम, महिलाओं की सशक्त मौजूदगी हर जगह दिखती है।बिहार में मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना को लागू किया गया।इस योजना का मु्ख्य मकसद आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतीक रुप से मजबुत बनाना है।मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना,कन्या उत्थान योजना तथा कन्या सुरक्षा योजना बिहार में लागु है।

डा. दिनेश कुशवाहा ने कहा कि महिलाओं के लिए शिक्षा विभाग में 35 प्रतिशत तथा अन्य नौकरियों में 50 प्रतिशत तक का आरक्षण का प्रावधान किया गया।इसी को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने सरकारी दफ्तरों में पोस्टिंग में भी महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया है। आरक्षण के अनुपात में महिलाएं एसडीएम, बीडीओ, सीओ और थानेदार जैसे पद पर भी तैनात किया जा रहा है। आरक्षण के कारण ही नियोजित शिक्षकों में करीब दो लाख,बिहार पुलिस में 25.33 प्रतिशत महिलाएं है।