अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मलेरिया और कालाजार की जांच और दवा उपलब्ध 

अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मलेरिया और कालाजार की जांच और दवा उपलब्ध 

अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मलेरिया और कालाजार की जांच और दवा उपलब्ध 


रानीपकड़ी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर भी जाना सुविधाओं का हाल

P9bihar news 


प्रमोद कुमार 
बेतिया।
मलेरिया और कालाजार की पहचान और उपचार के लिए जांच और दवा की शुरुआत करने जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ हरेन्द्र कुमार गुरुवार को बरबतसेना अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। यहां उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को वेक्टर बॉर्न रोग के बारे में जानकारी दी। डॉ कुमार ने कहा कि बरसात के समय में मलेरिया सहित वेक्टर बॉर्न रोगों का खतरा अधिक होता है।

ऐसे में एपीएचसी स्तर पर भी जांच और उपचार की सुविधाओं का होना नितांत आवश्यक है।डॉ हरेन्द्र कुमार एपीएचसी बरबतसेना के अलावा रानीपकड़ी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर गए। जहां उन्होंने बरसात और नमी जनित रोगो के बारे में बताया। उन्होंने डॉ आशा कुमारी, आयुष चिकित्सक पीपड़ा पकड़ी और रानी पकड़ी के स्वास्थ्यकर्मी राजकिशोर प्रसाद को भी नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज पर जागरूक किया।

अपने भ्रमण के क्रम में डॉ हरेन्द्र कुमार और भीबीडीसी सुजीत कुमार ग्रॉम ब्लॉक बेतिया के एक पुराने कालाजार रोगी के पास फॉलोअप के लिए पहुंचे। जहां उन्होंने ठीक हो चुके रोगी के साथ गांव में कालाजार पर घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया और बताया कि अगर बुखार के साथ शरीर पर चकत्ते जैसा कुछ भी नजर आए तो नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जरूर मिलें। सरकारी संस्थानों में कालाजार और मलेरिया की दवा और उपचार दोनों ही नि:शुल्क है।

कालाजार के लक्षण-
-बुखार अक्सर रुक-रुक कर या तेजी से तथा दोहरी गति से आता है।
-भूख न लगना, शरीर में पीलापन और वजन में कमी, जिससे शरीर में दुर्बलता आती है 
-कमजोरी
-प्लीहा का अधिक बढ़ना, प्लीहा तेजी से अधिक बढ़ता है और सामान्यतः यह नरम और कड़ा होता है।
-जिगर का बढ़ना लेकिन प्लीहा के जितना नहीं, यह नरम होता है और इसकी सतह चिकनी होती है तथा इसके किनारे तेज होते हैं।
-लिम्फाडेनोपैथी, भारत में सामान्यतः नहीं होता है।
-त्वचा सूखी, पतली और शल्की होती है तथा बाल झड़ सकते हैं। 
-गोरे व्यक्तियों के हाथ, पैर, पेट और चेहरे का रंग भूरा हो जाता है। इसी से इसका नाम कालाजार पड़ा अर्थात काला बुखार।
-खून की कमी, शरीर में बड़ी तेजी से खून की कमी होती है।