कालाजार और फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का निरीक्षण

कालाजार और फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का निरीक्षण

सत्येन्द्र कुमार शर्मा,

सारण :- 
उच्चस्तरीय केंद्रीय टीम द्वारा कालाजार और फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का निरीक्षण किया।
मरीजों से मुलाकात कर मिली सुविधाओं एवं निरन्तंर सेवाओं की जानकारी ली।


विभाग कालाजार और फाइलेरिया उन्मूलन के प्रतिबद्ध है।
छपरा जिले में कालाजार उन्मूलन को लेकर विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। इसको लेकर समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले  के दरियापुर प्रखंड में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय व राज्य सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा सरकारी अस्पताल और कालाजार एवं फाइलेरिया ग्रसित क्षेत्र में व्यापक निरीक्षण किया गया । इस 32 सदस्यीय टीम का नेतृत्व भारत सरकार की डॉ तनु जैन निदेशक स्वास्थ्य विभाग कर रही थीं ।

प्रखंड अस्पताल पहुंच कर टीम ने छोटका बनेया ग्राम का कालाजार एवं फाइलेरिया से ग्रसित लोगों से मुलाकात कर उनको मिली सुविधाओं एवं निरन्तंर सेवाओं की जानकारी ली । इस दौरान समुदाय के लोगों को फाइलेरिया और कालाजार से बचाव तथा बेहतर प्रबंधन की जानकारी दी गयी। मरीजों को किस तरह से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल रहा है इसकी जानकारी ली गयी।

जिसके बाद टीम ने मुख्यालय पहुंच कर प्रखंड से लेकर राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक की और सुविधाओं को और अधिक बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस निरीक्षण के दौरान भारत सरकार के अपर निदेशक, राष्ट्रीय वेक्टर बोर्न डिजिज कार्यक्रम, डॉ. नुपूर राय, विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य समन्वयक डॉ. राजेश पांडेय जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ दिलीप सिंह, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह, केअर इंडिया के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आदित्य कुमार शामिल थे।

पी.सी.आई. के सत्यप्रकाश, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक संजीव कुमार, केअर के प्रखंड प्रबंधक शशांक शेखर, कालाजार प्रखंड समन्वयक (केअर) तेज नारायण गुप्ता, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक ध्रुप राम एवं कालाजार तकनीकी सुपरवाइजर घनश्याम राय मौजूद थे। 

मरीजों को उपलब्ध कराएं सभी सेवाएं:
निरीक्षण के दौरान डॉ. नुपूर राय ने कहा कि फाइलेरिया और कालाजार मरीजों को ससमय समुचित उपचार करना सुनिश्चित करें। इसके साथ सरकार द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाओं का लाभ पहुंचाने का प्रयास करें। कालाजार बुखार संक्रमित मादा बालू मक्खी के काटने से होता है

और इसका लक्षण है 2 सप्ताह अधिक बुखार कोई भी दवा खाने के बाद बुखार ठीक ना होना ,भूख कम लगना, कमजोरी महसूस होना ,खून की कमी हो जाना ,पेट का आकार बढ़ जाना, स्प्लीन लिवर में सूजन होना ,कालाजार के लक्षण हो सकते हैं ।

इसका जांच सरकारी अस्पताल में मुफ्त में किया जाता है और पॉजिटिव होने के बाद मुफ्त में इलाज एम्बीजोम दवा  से किया जाता है । 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं।

सभी पीएचसी में नि:शुल्क इलाज की सुविधा-
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि कालाजार मरीजों के इलाज की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने के प्रावधान की जानकारी उन्होंने दी।