परिवार नियोजन के तार्किक सूचना व्यवस्था का महत्व प्रभावशीलता
परिवार नियोजन के तार्किक सूचना व्यवस्था का महत्व प्रभावशीलता
P9bihar news
सत्येन्द्र कुमार शर्मा, सारण:-
फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक इंफॉर्मेशन सिस्टम (FPLMIS) एक अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी प्रणाली है, जो परिवार नियोजन कार्यक्रमों के लिए लॉजिस्टिक प्रबंधन को सुव्यवस्थित और कुशल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह प्रणाली भारत सरकार के परिवार कल्याण विभाग द्वारा विकसित की गई है, और इसका उद्देश्य संसाधनों के प्रबंधन को बेहतर बनाना और परिवार नियोजन सेवाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाना है।
जिसको लेकर सदर अस्पताल परिसर स्थित जीएनएम कॉलेज के सभागार में जिले के सभी प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक, प्रखंड अनुश्रवन एवं मूल्यांकन पदाधिकारी, और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का अयोजन किया गया।
निश्चित समय पर पर्याप्त मात्रा में सामग्रियों का वितरण सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान: डीएमएनई
जिला मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी (डीएमएनई) ब्रजेश कुमार सिंह ने कहा कि FPLMIS की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। परिवार नियोजन के लिए आवश्यक वस्तुएं जैसे कंडोम, गर्भ निरोधक गोलियां, आईयूडी सहित अन्य सामग्रियों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए इस प्रणाली का उपयोग किया जाता है।
सिस्टम के माध्यम से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर राज्यों और जिलों में आवश्यक आपूर्ति की योजना बनाई जाती है, जिससे निश्चित समय पर पर्याप्त मात्रा में सामग्री का वितरण सुनिश्चित किया जा सके। इस प्रणाली के कार्यान्वयन से कई महत्वपूर्ण लाभ हुए हैं। सबसे पहले यह प्रणाली डेटा को एकत्रित करने और विश्लेषण करने में सक्षम है, जिससे आपूर्ति श्रृंखला की वास्तविक स्थिति का सटीक आकलन किया जा सकता है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि कहीं भी आपूर्ति की कमी या अधिकता न हो, और संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो सके।
FPLMIS के मध्यम से परिवार नियोजन कार्यक्रम की कार्य क्षमता में होता है सुधार: डीसीएम
जिला सामुदायिक उत्प्रेरक (डीसीएम) ब्रजेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि FPLMIS के माध्यम से आपूर्ति श्रृंखला में पहले से ज्यादा पारदर्शिता बढ़ी है। इस प्रणाली के उपयोग से विभागों को सही समय पर आपूर्ति की स्थिति की जानकारी मिलती है, जिससे वह तेजी से प्रतिक्रिया कर सकते हैं और किसी भी कमी को तुरंत पूरा कर सकते हैं। इससे परिवार नियोजन कार्यक्रम की कार्यक्षमता में सुधार होता है और लोगों को आवश्यक सेवाएं समय पर मिलती हैं।
वहीं FPLMIS प्रणाली के माध्यम से डेटा के विश्लेषण से यह भी संभव हुआ है कि विभिन्न राज्यों और जिलों के बीच आपूर्ति के समय वितरण की समस्याओं की पहचान की जा सके। इस जानकारी के आधार पर, नीति निर्माता और प्रबंधक सही निर्णय ले सकते हैं और आपूर्ति श्रृंखला को अधिक समन्वित और प्रभावी बना सकते हैं।
समस्याओं का समाधान करने के लिए निरंतर निगरानी और सुधार की आवश्यकता: पीएसआई इंडिया
पॉपुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (पीएसआई इंडिया) के कार्यक्रम प्रबंधक मुरलीघर ने कहा कि FPLMIS के कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियां भी हैं। प्रणाली के लिए आवश्यक तकनीकी बुनियादी ढांचे की कमी, कर्मचारियों की प्रशिक्षण की आवश्यकता, और डेटा की सटीकता सुनिश्चित करना कुछ प्रमुख समस्याएं हैं। इन समस्याओं को हल करने के लिए निरंतर निगरानी और सुधार की आवश्यकता है,
ताकि सिस्टम की प्रभावशीलता को बनाए रखा जा सके। हालांकि यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण और उपयोगी प्रणाली है जो परिवार नियोजन कार्यक्रमों की आपूर्ति श्रृंखला को प्रबंधित करने में सहायक है। इसके माध्यम से समय पर और प्रभावी ढंग से संसाधनों का प्रबंधन किया जा सकता है, जिससे समाज में परिवार नियोजन की सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच को बेहतर बनाया जा सकता है।
इस अवसर पर जिला मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी (डीएमएनई) ब्रजेश कुमार सिंह, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक (डीसीएम) ब्रजेंद्र कुमार सिंह, पॉपुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (पीएसआई इंडिया) के कार्यक्रम प्रबंधक मुरलीघर एवं वरीय क्षेत्र कार्यक्रम समन्वयक राजीव कुमार सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।