बच्चों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए बने सभी सरकारी ठांचो और इकाइयों को मजबूत करना होगा हामिद
बच्चों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए बने सभी सरकारी ठांचो और इकाइयों को मजबूत करना होगा हामिद
P9bihar news
प्रमोद कुमार
मेहसी,पू०च०।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संपोषित परियोजना चाइल्डलाइन सब सेंटर चकिया एवं कार्ड्स के संयुक्त तत्वाधान में रिसोर्स संस्थाओं के साथ एक बैठक सामाजिक शोध एवं विकास केंद्र मेहसी के परिसर में अमर जी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। बैठक का संचालन कार्ड्स संस्था के नारायण कुमार मजूमदार ने किया । इस अवसर पर बिहार इंटर एजेंसी ग्रुप के संयोजक अमर ने कहा बाल श्रम और बाल विवाह को जड़ से मिटाने के लिए समुदाय , समाज और सरकार को मिलकर प्रयास करनी होगी। उन्होंने ने चाइल्ड हेल्प लाइन नम्बर 1098 के लगातार प्रयोग का आह्वान किया।
इस बैठक में तुर्की और सीरिया में आई प्रलयंकारी भूकंप में मरने वाले लोगों के प्रति दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई , और पूरी दुनिया में शांति और खुशहाली की दुआएं मांगी गई। इस अवसर पर अमर ने कहा कि भारत सहित दुनिया के सभी देशों को सीरिया और तुर्की के विनाशकारी भूकंप त्रासदी से सबक लेते हुए अपने नागरिकों की जान माल की सुरक्षा हेतु विकास योजनाओं को प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर आगे बढ़ना चाहिए । इस बैठक में कार्ड्स संस्था के सचिव शशि प्रसाद ने कहा कि सुरक्षित बचपन- सुरक्षित भारत के उद्देश्य चाइल्डलाइन बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए काम करती है।
यह चाइल्डलाइन केवल अकेले नहीं बल्कि समाज के हर तबके और संस्थाओं से मिलकर काम करती हैं। इस अवसर पर सेव द चिल्ड्रन के जिला समन्वयक हामिद रजा ने कहा कि बाल विवाह एवं बाल श्रम को रोकने के लिए शिक्षा पद्धति को मजबूत करना होगा और सभी बच्चों को स्कूल में ठहराव सुनिश्चित करना होगा, तभी हम बाल विवाह और बाल श्रम से मुक्ति पा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए बने सभी सरकारी ठांचो और इकाइयों को मजबूत और जवाबदेह बनाना होगा तभी बच्चों के अधिकार की रक्षा हम कर सकते हैं।
इस अवसर पर प्रयास संस्था के विजय शर्मा ने कहा कि बच्चों का ट्रैफिकिंग बड़े पैमाने पर सीमावर्ती क्षेत्र में होता है उसको रोकने के लिए हमें जागरूक होना पड़ेगा साथ ही उन्होंने कहा कि आर्केस्ट्रा का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए क्योंकि उसमें काम करने वाली लड़कियां किसी गरीब और बेबस परिवार की होती है, और वे किसी न किसी परिवार की बेटियां होती हैं इसलिए इसका बहिष्कार करना जरूरी है।
इस अवसर पर यतेंद्र पाण्डेय, कुमारी स्वर्णा, मौलाना खुर्शीद आलम, सोनी देवी, संजय कुमार सिंह , कमरुद्दीन, खुशबू कुमारी, रोशनी कुमारी सहित अन्य लोगों ने अपने विचार रखे।