बाल हृदय योजना से लौटी अंकिता के जीवन में खुशहाली, अहमदाबाद में हुई दिल में छेद की सर्जरी
सत्येन्द्र कुमार शर्मा, सारण -
इलाज से लेकर आने जाने तक का खर्च सरकार ने उठाया।
छेद जन्म के समय से हीं दिल में था।
प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराना पिता के लिए संभव नहीं
बच्चे अभिभावकों के जीवन का आधार होते हैं। उनसे ही परिवार की खुशियाँ होती हैं। अक्सर गरीब परिवार के लिये बच्चे की बड़ी बीमारी का इलाज करवाना नामुकिन ही होता है। वे इसे अपना भाग्य समझने लगते हैं। जब किसी परिवार में बच्चे का जन्म होता है तो उसके माता-पिता के लिए सबसे खुशी का पल होता है।
लेकिन ऐसे में अगर बच्चे में कोई जन्मजात बीमारी का पता चले तो परिवार की खुशी दुख में तब्दील हो जाती है। एक ऐसा हीं वाक्या हुआ सारण जिले के रिविलगंज प्रखंड के समसुदीनपुर गांव निवासी पप्पू राय के यहां। छह साल पहले उन्हें पुत्री हुई। लेकिन जन्म के समय हीं उसके दिल में छेद था। इसको लेकर उनके परिवार के लोग काफी परेशान रहने लगे। कई जगह प्राइवेट अस्पतालों में दिखाया गया।
लेकिन हर जगह निराशा हीं हाथ लगी। लाखों रुपये खर्च भी हुए। लेकिन एक गरीब पिता के लिए उसका ऑपरेशन करा पाना संभव नहीं था। लेकिन ऐसे बच्चे जिनके दिल में छेद है उनके लिए बिहार सरकार के द्वारा एक नयी योजना बाल हृदय योजना की शुरुआत की गयी है। बाल हृदय योजना ऐसे बच्चों के लिए जीवनदायनी साबित हो रही है।
बच्चों को नया जीवन मिल रहा है। अब पप्पू राय की पुत्री अंकिता का सफल ऑपरेशन अहमदाबाद के श्री सत्य साई हृदय रोग संस्थान में नि:शुल्क किया गया है। वह अहमदाबाद से अपने घर लौट आयी है। उसके पिता ने बताया कि जिला में उसकी पहली स्क्रीनिंग हुई।
इसके बाद पटना के इंदिरा गांधी ह्दय रोग संस्थान में अहमदाबाद के एक्सपर्ट की टीम ने दूसरी स्क्रीनिंग की। यहां से आपरेशन के लिए चिह्नित होने पर इलाज हुआ। पिता ने कहा कि इतने बड़े इलाज कराने में किसी भी तरह की फीस नहीं देनी पड़ी। अब ठीक है।
जन्म के समय से हृदय में छेद:
अंकिता को हृदय की बीमारी थी। अंकिता की माँ अपनी बेटी की बीमारी से बहुत परेशान थी। महंगा इलाज कराना उसके लिये संभव नहीं था। लेकिन उनके परिवार को बाल हृदय योजना के बारे में जानकारी मिली। जिसके बाद उसके पिता ने आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ. अमरेंद्र कुमार सिंह से मुलाकात की। जिसके बाद अंकिता की स्क्रीनिंग की गयी और उसे ऑपरेशन के लिए अहमदाबाद भेजा गया।
अब उसका सफल ऑपरेशन होने के बाद उसके माता-पिता और परिवार के सभी लोग काफी खुश हैं। यह योजना उनके परिवार के लिए काफी मददगार साबित हुई है। अब अंकिता अपने परिवार के साथ हंसी-खुशी स्वस्थ जीवन जी रही है। उसकी माँ के दिल से यही दुआ निकल रही है कि मेरी बिटिया जिये हजारों साल।
पटना से अहमदाबाद जाने के लिए मुफ्त हवाई यात्रा:
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि जिले में ह्दय रोग से पीड़ित बच्चों की पहचान के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत स्क्रीनिंग टीम बनी हुई है। जो सरकारी स्कूल व आंगनबाड़ी स्तर पर ऐसे बच्चों को चिह्नित करती है।
प्रखंड स्तर पर पहली स्क्रीनिंग से लेकर दूसरी और तीसरी स्क्रीनिंग के बाद ऑपरेशन तक का सारा खर्च राज्य सरकार उठाती है। इलाज, जांच, दवा व बेड आदि सभी व्यवस्था मुफ्त है। यहां तक कि आपरेशन के लिए चिह्नित बच्चों के साथ उनके एक स्वजन को पटना से अहमदाबाद ले जाने व वापस लाने के लिए हवाई यात्रा की मुफ्त व्यवस्था है। साथ में चिकित्सक जाते और उनकी निगरानी में सब होता है।