लाख बाधाओं के बावजूद सरस्वती के उपासकों द्वारा पूजा पंडाल तैयार कर माँ सरस्वती की उपासना

लाख बाधाओं के बावजूद सरस्वती के उपासकों द्वारा पूजा पंडाल तैयार कर माँ सरस्वती की उपासना

सत्येन्द्र कुमार शर्मा

लाख बाधाओं के बावजूद माँ सरस्वती के उपासकों द्वारा पूजा पंडाल का भव्य आकर्षक सजावट कर माँ की प्रतिमा को स्थापित कर प्राण प्रतिष्ठा किया। 
सरस्वती पूजन के लिए तत्पर व तल्लीन उपासकों द्वारा  वेद मंत्रोच्चार के साथ प्राण प्रतिष्ठा किया गया।
सरस्वती के उपासकों के समक्ष लगातार विकट समस्या उत्पन्न होती रही हैं।लेकिन उपासक भी उपासना में तल्लीन भी उतना ही ज्यादा दिखाई पड़ते रहे हैं।
माँ सरस्वती के उपासकों को चालू मौसम में पंडाल निर्माण कार्य करना दुरुह सा लगा। चुकी कई दिन से आसमान में सूर्य के नहीं दिखाई पड़ने के कारण ठंड में बेतहाशा वृद्धि हुई जिससे पंडाल निर्माण एवं सजावट के कार्य करने में ठंड की मार झेलनी पड़ी।इसी बीच रात्रि में बूंदाबांदी से भी पंडाल निर्माण कार्य में घोर कठिनाई का सामना करना पड़ा है।
 फिर पिछले कई दिन से बदलते मौसम में ठंड में बेतहाशा बृद्धि आसमान में छाए घटा-बादलों एवं बूंदाबादी के कारण पंडाल निर्माण एवं पंडाल में प्रतिमा को रखने की तैयारी में भी बेरुखे मौसम के कोपभाजक बनना पड़ा है।
गौरतलब यह है कि सरस्वती पूजन के दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन करने की परंपरा के तहत माँ सरस्वती के आराधना के गीतों को वाद्य-वादन के साथ होली गीतों के गाने की भी परंपरा की शुरुआत की जाती रही हैं।आज माँ को अबीर, गुलाल, पकवान, मिठाई से पूजन की भी परंपरा रही है।माँ को अबीर गुलाल चढ़ाने के बाद होलिका दहन के दिन तक लोगों को अबीर गुलाल लगाया जाता रहा है। ताल ठोकने आर्थत गीत संगीत खाशकर होली गीतों को विभिन्न वाद्ययंत्र के साथ आयोजन कालांतर से होता चला आ रहा है।
हर जगह माँ सरस्वती के उपासकों को नई बाधाओं संकट से गुजरना पड़ रहा है लेकिन उपासना का कार्य बेरोकटोक जारी है और जारी रहेगा।
अब प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा कर विसर्जन शेष है जो कुछ ही देर बाद विधि विधान के साथ संपन्न होगा।
इस पूजन के कार्य में बनियापुर प्रखंड के सिसई पंचायत के मेढ़ुका खुर्द वार्ड 06 के युवा
प्रताप कुमार, पीयूष कुमार, रंजन कुमार, ऋषभ कुमार, अभिषेक कुमार, रोहित कुमार, छोटू कुमार, कुंदन कुमार, अनुराग कुमार, भास्कर कुमार, प्रभाकर कुमार, प्रतीक कुमार, अनु कुमार आदि कई दिन से ही तल्लीन रहे।
इसी प्रकार हर तरफ से माँ सरस्वती की पूजा अर्चना परंपरागत रूप से किया गया।ध्वनि विस्तार यंत्र से गीत संगीत की प्रस्तुति से पुरा वातावरण भक्तमय बना हुआ है।यह वातावरण प्रतिमा विसर्जन तक चलता रहेगा।