एईएस से बचाव को व्यापक प्रचार प्रसार के साथ तैयारियां पूर्ण करें- डीएम

एईएस से बचाव को व्यापक प्रचार प्रसार के साथ तैयारियां पूर्ण करें- डीएम

प्रमोद कुमार 

- लगातार करें चौपाल का आयोजन

मोतिहारी,पू०च०।  
जिले में एईएस  चमकी के मामलों में कमी लाने के उद्देश्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रयत्नशील है। इसी को लेकर  मुख्य सचिव बिहार सरकार की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एईएस जेई प्रभावित क्षेत्र पूर्वी चम्पारण जिला के जिलाधिकारी, व स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जिला अनुमंडल, प्रखंड  स्तर पर इससे निपटने के लिए टास्क फोर्स का गठन सुनिश्चित करें। सभी आशा को एईएस किट उपलब्ध किया गया है ।

पंचायत स्तर पर वाहनों की टैगिंग सुनिश्चित करें, ताकि प्रभावित बच्चों को स्वास्थ्य लाभ शीघ्र अति शीघ्र उपलब्ध करायी जा सके।जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि एईएस से बचाव हेतु व्यापक पैमाने पर प्रचार प्रसार एवं चौपाल करने का उन्होंने भी निर्देश दे दिया है।

जिसके आलोक में प्रभावित प्रखण्डों के गांवों, बाजारों, महादलित टोलों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। विभाग एवं प्रशासनिक विभाग के पदाधिकारियों को एईएस से सुरक्षा हेतु सभी तैयारियां पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है।डीएम ने कहा कि जीविका आंगनबाड़ी विकास मित्र शिक्षा विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में पूरी सतर्कता एवं सावधानी बरतें ताकि एईएस पीड़ित बच्चों को तुरंत स्वास्थ लाभ मुहैया करायी जा सके।

उन्होंने डीपीएम को निर्देश देते हुए कहा कि पंचायत स्तर पर वाहनों की टैगिंग करना सुनिश्चित करें ताकि प्रभावित बच्चे को तुरंत आवश्यक स्वास्थ्य लाभ मुहैया करायी जा सके। पीएचसी स्तर पर एईएस से बचाव हेतु सभी तैयारियां पूर्ण करने का उन्होंने निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि एईएस किट सभी आशा के पास उपलब्ध करायी जाए।आंगनबाड़ी केंद्रों में भी उपलब्ध कराएं ।

डीपीओ आईसीडीएस को उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की माताओं  को इसके बारे में जागरूक करना सुनिश्चित करें।डीएम ने आदेश दिया कि चमकी को लेकर व्यापक प्रचार प्रसार सुनिश्चित की जाए।

सिविल सर्जन को उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि एईएस के मामलों को गंभीरता से लें। सभी पीएससी की साफ-सफाई के साथ-साथ दवा की उपलब्धता भी आवश्यक है । जिला नियंत्रण कक्ष को हमेशा एक्टिवेट रखने का उन्होंने निर्देश दिया। एईएस से प्रभावित बच्चों के माता-पिता से स्वयं संपर्क करें ।

उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिला कल्याण पदाधिकारी को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि महादलित टोलों में विकास मित्र के माध्यम से  बच्चों के माता पिता को जागरूक करना सुनिश्चित करें ताकि समय रहते महामारी से बच्चों को बचाया जा सके।

इस अवसर पर जिलाधिकारी, अपर समाहर्ता आपदा, सिविल सर्जन, डीआईओ, विशेष कार्य पदाधिकारी गोपनीय शाखा, डीआईओ, डीपीएम, यूनिसेफ, केयर, डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि, डीपीओ आईसीडीएस आदि  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ें थे।