एमजीसीयूबी के राजनीति विज्ञान विभाग में दस दिवसीय शोध प्रविधि पाठ्यक्रम का होगा आयोजन
एमजीसीयूबी के राजनीति विज्ञान विभाग में दस दिवसीय शोध प्रविधि पाठ्यक्रम का होगा आयोजन
P9bihar news
प्रमोद कुमार
मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग आगामी 7 से 17 अगस्त 2023 तक होने वाले शोध प्रविधि पाठ्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप देते हुए आयोजक मंडल की बैठक हुई ।
राष्ट्रीय महत्व के इस 10 दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन राजनीति विज्ञान विभाग, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्विद्यालय के द्वारा किया जा रहा है l कार्यक्रम समाजिक विज्ञान शोध के क्षेत्र में राष्ट्र की अग्रणी संस्था भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) द्वारा प्रायोजित है l
बैठक की अध्यक्षता सामाजिक विज्ञान विभाग के संकायाध्यक्ष प्रोफेसर सुनील महावर ने की। विभागाध्यक्षा डा० सरिता तिवारी के मार्गदर्शन में शोध पाठ्यक्रम के सफल एवं सुगम संचालन के प्रयोजनार्थ महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। प्रोफेसर महावर ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन विश्विद्यालय एवं संकाय के लिए गौरव का क्षण होगा एवं इससे विश्विद्यालय एवं इस क्षेत्र में शोध और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
विभागाध्यक्ष डॉ तिवारी ने कार्यक्रम के निर्देशक डा० नरेंद्र कुमार आर्य एवं समन्वयक डा० नरेंद्र सिंह को विश्विद्यालय में इस प्रकार का महत्वपूर्ण आयोजन कराने के लिए शुभकामनाएं दी। डॉ तिवारी ने कहा कि विभाग आगे भी इसी प्रकार के राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के आयोजन कराने का प्रयास करेगा।
पाठयक्रम के निर्देशक डॉ आर्य ने बताया कि शोध पाठ्यक्रम में राष्ट्र के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 35 विश्वविद्यालय से चयनित एम० फिल०, पीएचडी एवं पोस्ट–डॉक्टोरल शोध छात्रों की भागीदारी रहेगी। इस पाठयक्रम में कुल 30 प्रतिभागियों की भागीदारी रहेंगी l
पाठ्यक्रम के प्रथम दिन उद्घाटन सत्र एवं तीन तकनीकी सत्र एवं अन्य सभी दिन चार-चार तकनीकी सत्र का आयोजन किया जाएगा। कुल मिलाकर 36 तकनीकी एवं तीन अंतः विमर्श सत्रों का आयोजन इस शोध प्रविधि पाठ्यक्रम में किया जाएगा।
इस शोध प्रविधि पाठ्यक्रम के निर्देशक राजनीति विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा० नरेंद्र कुमार आर्य एवं समन्वयक सहायक आचार्य डा० नरेंद्र सिंह ने विभिन्न शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण दिशा निर्देश देते हुए प्रयोगशाला के सफल संचालन पर विशेष बल दिया।