भाजपा का पिछड़ा अति पिछड़ा प्रेम एक छलावा है - डाॅ० दिनेश कुशवाहा
भाजपा का पिछड़ा अति पिछड़ा प्रेम एक छलावा है - डाॅ० दिनेश कुशवाहा
P9bihar news
सत्येेन्द्र कुमार शर्मा
सारण :- बिहार के नगर निकाय चुनाव को स्थगित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली भारतीय जनता पार्टी का पिछड़ा अति पिछड़ा व दलित प्रेम एक छलावा है। वो नहीं चाहते कि बिहार के बहुसंख्यक आबादी के आरक्षित लोगों का किसी सदन में प्रतिनिधित्व हो। नगर निकाय चुनाव करा कर सरकार एक सार्थक कार्य कर रही थी परंतु बीजेपी को सत्ता से जाने की बौखलाहट के कारण खुद पिछे से चुनाव केंसिल करवाने में भूमिका निभाती है और आगे से अति पिछड़ा प्रेम दिखाती है।
बिहार की जनता इनकी भ्रष्ट और दूषित मानसिकता को समझ चुकी है। उपरोक्त बातें सारण जिला जनता दल यू के मुख्य प्रवक्ता डाॅ० दिनेश कुशवाहा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही। उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट का पिछले वर्ष 4 मार्च 2021 को आए आदेश के बाद भाजपा सरकार गुजरात में निकाय चुनाव करा लेती है। तब सांसद सिग्रिवाल बताएं कि उसी नियम के तहत हो रहे बिहार में नगर निकाय चुनाव पर रोक लगवा के आयोग गठित करने की बात क्यों कह रहें है।
सांसद यह भी बताने कि कृपा करें कि वे 2005 से निरंतर सरकार में रहे व सरकार में रहने के बावजूद इसी नियम के तहत पंचायत और निकाय चुनाव अब तक होते आए तब वो क्यों नहीं आयोग बनाई गई। सांसद सिग्रिवाल यह भी बताएं कि अभी हाल तक पंचायती राजमंत्री रहे सम्राट चौधरी व रेणु देवी ने अपने निर्देशन में पिछले वर्ष पंचायत चुनाव कराया परंतु उसी नियम से इस बार निगम चुनाव कराने पर पेट में दर्द क्यों होने लगा है।
डाॅ० दिनेश ने कहा कि महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रिवाल द्वारा छपरा में आयोजित धरना पुरी तरह से फ्लाप शो रह और जनता को बरगलाने वाली थी। मिस्डकाॅल के बदौलत तथाकथित सबसे बड़ी कार्यकर्ता वाली पार्टी के सांसद के धरना स्थल पर बीस से अधिक लोग नहीं आ पाए। यह बताता है कि जनता भाजपा से किस तरह से कट चुकी है और इनके गलत कार्यों से काफी दूर हो चुकी है। इनकी स्थिति यह है कि तुम करो तो रासलीला और हम करें तो कैरेक्टर ढिला। इनका जगह के अनुसार नियम बदलते रहता है। जहां सत्ता में हैं वहां गलत भी सही है और जहां नहीं हैं वहां सही भी गलत है।
मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के नेतृत्व में बिहार तरक्की के राह पर है और इसी आत्मविश्वास के साथ वो पूर्व निर्धारित नियम के तहत निगम चुनाव करा रहे थे। आगे कोर्ट में सरकार गयी है जहां से फैसला सरकार के पक्ष में आएगा।