भाजपा रुपी विशालकाय पेड़ को लगाने वाले ही आज पेड़ के ओट मेंं-- पूर्व विधायक

भाजपा रुपी विशालकाय पेड़ को लगाने वाले ही आज पेड़ के ओट मेंं-- पूर्व विधायक

सत्येन्द्र कुमार शर्मा,


भाजपा रुपी विशालकाय पेड़ को लगाने सिंचने वाले लोग आज उस पेड़ के ओट में चले गए हैं।बनियापुर के जन संघ विचारधारा से जुड़े पूर्व विधायक डॉ. रमाकांत पाण्डेय ने भाजपा के 42 वर्ष के सफर की कुछ अहम बातों की जानकारी दी।


उन्होंने बताया कि बीजेपी के पितामह कैलाशपति मिश्र ने जिस पेड़ को लगाया आज वह पुष्पित और पल्लवित हो रहा है।लेकिन अब पार्टी का बिहार में श्रेष्ठ प्रदर्शन है। पार्टी को इस स्तर तक पहुंचाने में कई नेताओं ने अपना जीवन दाव पर लगा दिया।

और वैसे नेताओं की मेहनत के बदौलत ही पार्टी बिहार में शीर्ष पर पहुंची है।परन्तु आज उन तमाम लोगों को ही पार्टी द्वारा ही भुला दिया गया है। बीजेपी संगठन अब 42 साल की हो चुकी है। 42 साल के इस सफर में कई दिग्गज नेता पार्टी से जुड़े और उनकी मेहनत के बदौलत पार्टी ने बिहार में नंबर एक का तमगा हासिल कर सकी है।लेकिन पार्टी को सींचने वाले उन कई नेताओं को राजनीति में जगह मिली, लेकिन कई गुमनामी के अंधेरे में ढ़केल दिये गए।


42 के सफर में कई दिग्गज नेता पीछे छूट गए जिनमें पूर्व रामाकांत पांडे, सरयू राय, हरेंद्र प्रताप, सुरेश रुंगटा, सुरेंद्र तिवारी, कुमुद सिन्हा जैसे नेता या तो पीछे छूट गए या फिर राजनीति से तौबा कर लिया।रामाकांत पांडे जनसंघ काल से ही सक्रिय रहे हैं और 1977 में बनियापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी बने थे। कदमकुंआ स्थित जेपी के आश्रम के बगल में ही रमाकांत पांडे ने किराए पर घर लिया और रोज जेपी से मिलते रहे।


पार्टी को सिंचने के काम में हरेंद्र प्रताप का नाम भी उन नेताओं में शामिल है, जिन्होंने संघ और भाजपा के साथ लंबे समय तक काम किया। हरेंद्र प्रताप संगठन महामंत्री रह चुके हैं और संघ के द्वारा ही हरेंद्र प्रताप को भाजपा में भेजा गया था। पार्टी में हरेंद्र प्रताप को विधान परिषद भेजा गया लेकिन बाद में हरेंद्र प्रताप का राजनीति से मोहभंग हो गया।

सुरेंद्र तिवारी को भी कैलाशपति मिश्र के साथ काम करने का गौरव प्राप्त रहा है।सुरेंद्र तिवारी 50 साल से अधिक समय से भाजपा से जुड़े हैं। कैलाशपति मिश्र के साथ सुरेंद्र तिवारी ने पोस्टर काटने तक का काम किया और ऐसे नेताओं के प्रयासों से भाजपा शिखर तक पहुंच सकी है। 


सुरेश रुंगटा फिलहाल भाजपा के मुख्यालय प्रभारी हैं और वे भी 50 साल से अधिक समय से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।पार्टी ने जो भी जिम्मेदारी दी उसको बखूबी निभाया। सुरेश रुंगटा को भी पार्टी में उचित सम्मान नहीं मिला, हालांकि ऐसे नेता उम्मीद लगाए बैठे हैं और पार्टी के प्रति आस्था भी है।


 कुमुद बिहारी सिंह 1967 के दशक में जनसंघ से जुड़े और पोलिंग एजेंट का काम किया। 1974 के आंदोलन में जेल गए। 1990 के दशक में कुमुद बिहारी सिंह राजनीति में सक्रिय रहे और पशुपालन घोटाला मामले में इनकी सक्रियता देखने को मिली। चारा चोर खजाना चोर पुस्तक में उन्होंने लिखी, बाद में उन्हें कार्यसमिति में जगह मिली थी। सरयू राय का नाम भी बिहार झारखंड के बड़े नेताओं में शामिल है। सरयू राय ने भी भाजपा को खून पसीने से सींचने का काम किया पशुपालन घोटाला मामले में सरयू राय की भूमिका अहम रही है। 


हालांकि हरेंद्र प्रताप को पार्टी से कोई शिकायत नहीं है लेकिन डॉ. रामाकांत पांडे 90 साल पूरे कर चुके हैं और आज की तारीख में पार्टी से उन्हें कोई भी शिकायत नहीं है।डॉ. रमाकांत पांडे ने कहा कि अफसोस इस बात का है कि पार्टी नेताओं ने उन्हें भुला दिया। रमाकांत पांडे कहते हैं कि जेपी आंदोलन में नेताओं की सक्रियता के वजह से आज भाजपा बिहार में नंबर वन की पार्टी बनी है। हरेंद्र प्रताप फिलहाल राजनीति से तौबा कर चुके हैं।लेकिन पार्टी से उन्हें कोई शिकायत नहीं है।

हरेंद्र प्रताप कहते हैं कि राजनीति दूषित हो गई है और अगर आपका चरित्र ठीक नहीं होगा, तो देश का पुनः निर्माण कैसे होगा। सुरेंद्र तिवारी हर रोज सुबह 10 बजे से लेकर रात 8 बजे तक भाजपा दफ्तर में रहते हैं और इन्हें जो भी जिम्मेदारी दी जाती उसे बखूबी निभाते रहे हैं।सुरेंद्र तिवारी का कहना हैं कि कैलाशपति मिश्र के साथ हम लोग मिलकर पोस्टर काटने का काम करते थे और आज उन्हें बहुत खुशी हो रही है कि बिहार में भाजपा नंबर वन की पार्टी है उन्हें उम्मीद है कि पार्टी जरूर सम्मान देगी।

सुरेश रुंगटा का नाम भी उन नेताओं में शुमार है जिन्होंने कैलाशपति मिश्र के साथ मिलकर काम किया और पार्टी को सिंचने का काम किया। पार्टी ने इन्हें मुख्यालय प्रभारी बनाया  है। सुरेश रुंगटा कहते हैं कि पार्टी के प्रति मेरा समर्पण आज भी कायम है।जहां तक जगह देने का सवाल है तो जगह सीमित होती है और कार्यकर्ताओं की संख्या ज्यादा है, पार्टी किसी के साथ भेदभाव नहीं करती है।


 रामाकांत पांडे, सरयू राय सरीखे नेता  जिन्होंने संगठन को मजबूती प्रदान की, जो पार्टी के लिए नींव की ईंट बने ।ऐसे में जब लगा कि ये सत्ता के लिए बहुत उपयुक्त साबित नहीं हो सकते हैं तो पार्टी ने उनको किनारे कर दिया।
पूर्व विधायक डॉ. रमाकांत पाण्डेय ने उपरोक्त बातें बनियापुर विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार सत्येन्द्र कुमार शर्मा से साझा की।