सभी को एक समान ख़ुशी का है हक़- रजनी
सभी को एक समान ख़ुशी का है हक़- रजनी
सभी को एक समान ख़ुशी का है हक़- रजनी
• अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर रघुरामपुर पंचायत में सहयोगी संस्था द्वारा कार्यक्रम का हुआ आयोजन
• नाच गाने एवं खेल खेल में प्रतिभागियों ने रखी अपनी बात
P9bihar news
पटना/ सहयोगी संस्था द्वारा रघुरामपुर पंचायत भवन में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजन किया गया. कार्यक्रम में रघुरामपुर पंचायत के नूरपुर गांव की वार्ड न० - 7 की वार्ड सदस्य सरोज देवी, चांदमारी गांव की वार्ड न० - 2 की वार्ड सदस्य पूनम देवी, स्कूल की शिक्षक, महिला कैडर तथा किशोरी सहित 175 लोग शामिल थे.
नाच गाने एवं खेल खेल में प्रतिभागियों ने रखी अपनी बात:
कार्यक्रम में महिलाओं के लिए खेल, नाच - गाना तथा अपनी बात को रखने के लिए मंच प्रदान करना था. कार्यक्रम का उद्देश्य सभी प्रकार की खुशियों पर बालिकाओं एवं महिलाओं का एक समान हक़ होने का संदेश प्रसारित करना था. सहयोगी संस्था की रजनी ने कहा कि अक्सर हमने सबको कहते हुए सुना है कि यह हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है,
लेकिन जब बात आती है महिलाओं की भी अधिकार की और उनके मनोरंजन की तो सभी चुप हो जाते है. जैसे उम्र होने के साथ उनके सारे शौख, पसंद ना पसंद सब खत्म हो जाती है. महिलाओं से उम्मीद की जाती है की अब उनकी खुश परिवार तथा बच्चों में ही हैं. रजनी ने कहा कार्यक्रम में खेल के माध्यम से हमारी एक कोशिश भी थी कि लिंग आधारित भेदभाव को कम किया जा सके.
समुदाय को अपनी सोच बदलने की जरुरत:
कार्यक्रम में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए रजनी ने बताया कि प्रशिक्षण में हम बात करते हैं कि लिंग आधारित हिंसा तथा व्यवहार परिवर्तन की लोग मान तो लेते हैं लेकिन सोचते है कि बेटी से काम करवाएंगे तो लोग हसेंगे. उसी तरह लड़कियां हूला-हूप के साथ खेलने में शर्माती है. उनकी सोच होती है कि हम करेंगे तो बाकी लोग हम पर हँसेंगे. रजनी ने बताया कि वहीं जो महिलाएं ये नहीं सोचती कि मेरे कुछ भी करने से वे हंसी की पात्र बनेंगी, वो कोशिश करती हैं और दूसरों को प्रेरणा देती हैं.
महिलाओं से जब भी बात करो खेल की तो कहती हैं अब उम्र कहां है ये सब करने की, अब बच्चा खेलेगा. रजनी ने बताया कि खेलने के बाद वही महिलाएं कहती हैं बड़ा मजा आया और लगा की बचपन में चले गए. कहीं न कहीं उनका भी मन होता है लेकिन एक दूसरे से शर्म के कारण वो अपनी मन की बात नहीं कर पाती हैं.