आत्मानुशासन से ही राष्ट्र का नव निर्माण सम्भव -कर्नल डॉ. राजेश कुमार

आत्मानुशासन से ही राष्ट्र का नव निर्माण सम्भव -कर्नल डॉ. राजेश कुमार

प्रमोद कुमार 

मोतिहारी,पू०च०।
महात्मा गान्धी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के मानविकी और भाषा संकाय द्वारा रविवार को ‘ई-शासन एवं आपदा प्रबन्धन’  विषयक एक दिवसीय विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन तथा उद्घाटन चाणक्य परिसर के राजकुमार  शुक्ल सभागार में दीप प्रज्वलन कर किया गया ।

इस अवसर पर महात्मा गान्धी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलसचीव प्रो. राजीव कुमार, झारखण्ड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय राँची के रजिस्ट्रार कर्नल डॉ. राजेश कुमार, मानविकी एवं भाषा संकाय के अध्यक्ष तथा संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. प्रसून दत्त सिंह, मैडम राजेश डॉ.अरुणिमा सिंह, अंग्रेजी विभाग के  विभागाध्यक्ष डॉ. विमलेश कुमार संस्कृत विभाग के वरिष्ठ सह-आचार्य डॉ. श्याम कुमार झा, सहायक-आचार्य डॉ.विश्वेश वाग्मी तथा अनेक विभाग के आचार्य एवं शोध छात्र उपस्थित थे ।  

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महात्मा गान्धी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलसचीव प्रो. राजीव कुमार  तथा कार्यक्रम के समन्वयक मानविकी एवं भाषा संकाय के अध्यक्ष तथा संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. प्रसून दत्त सिंह ने आगत अतिथियों का स्वागत किया ।

उह्नोंने डॉ. राजेश का  परिचय बताते हुए कहा कि वे 32 वर्ष सेना में कार्य करने के बाद भी रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय राँची में रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत हैं और पूरी ऊर्जा के साथ अपनी सेवा देते हुए राष्ट्र के विकास में अपना विशिष्ट योगदान दे रहे हैं।इस विशिष्ट व्याख्यान के मुख्य वक्ता झारखण्ड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय राँची के रजिस्ट्रार कर्नल डॉ. राजेश कुमार ने ‘ई-शासन एवं आपदा प्रबन्धन’  विषय की  महत्ता एवं विशिष्टता पर  अपना गहन चिन्तन प्रस्तुत किया।

 उन्होंने बताया कि विशिष्ट रूप से हम हैं तो समाज है, स्वस्थ शरीर मे स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है । कोविड  के तरफ इसारे करते हुए उह्नोंने बताया  कि जब हमारे जान पर आयी तो हम सबकुछ सीख गये  मास्क लगाना, सचेत रहना। भारतीय सेना का सिपाही अपनी हाथ की लकीरों को खुद लिखता है, समाज को जागरुक करते हुए उन्होंने कहा कि शान्ति के समय प्रशिक्षण इतना मजबूत हो कि जब युद्ध हो तो खून कम से कम बहे  एवं काम करें वरना जीने का औचित्य  नहीं  ।

डॉ राजेश ने  अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस के अवसर पर दोनों विश्वविद्यालयों को एम.ओ.यू सेमिनार के माध्यम से जोड़ने कि भी बात कही ।  इसी बात को विश्वविद्यालय के कुलसचीव प्रो. राजीव कुमार ने भी आगे दोनों विश्वविद्यालयों को मिलकर  काम करने का आश्वासन दिया ।  मैडम राजेश डॉ.अरुणिमा सिंह छात्रों का उत्साह वर्धन करते हुए स्व-चिन्तन व आत्मबल को उपस्थापित करने की बात कही ।

इस विशिष्ट व्याख्यान का संचालन अंग्रेजी विभाग के  विभागाध्यक्ष डॉ. विमलेश कुमार, मंगलाचरण चन्दन मिश्र तथा धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत विभाग के सह-आचार्य डॉ. श्याम कुमार झा के द्वारा किया गया । अन्त मे राष्ट्रगान के साथ सभा का समापन किया गया ।