युवाओं के विकास की जो सोंच श्रीबाबू ने रखी बाद की सरकारें उससे भटक गई:-- प्रो.उदयशंकर ओझा

युवाओं के विकास की जो सोंच श्रीबाबू ने रखी बाद की सरकारें उससे भटक गई:-- प्रो.उदयशंकर ओझा

युवाओं के विकास की जो सोंच श्रीबाबू ने रखी बाद की सरकारें उससे भटक गई:-- प्रो.उदयशंकर ओझा

P9bihar news 

सारण।

बिहार के युवाओं के विकास के लिए जो सोंच श्रीकृष्ण सिंह व श्रीबाबू ने रखी उसके बाद सरकारें उस सोंच विचार से भटक गई।श्रीकृष्ण सिंह उर्फ श्रीबाबू के 136 वीं जयंती समारोह में उक्त बातें प्रोफेसर उदयशंकर ओझा ने कहा।

उन्होंने कहा कि आज बिहार के युवाओं का तेजी से रोजी-रोटी के लिए पलायन हो रहा है जबकि श्रीबाबू ने व्यापक पैमाने पर कल कारखानों को स्थापित किया।


 प्रोफेसर उदयशंकर ओझा ने कहा कि "अंक आधारित शिक्षा पद्धति ने  बच्चों को आदमी बनने से रोक दिया है तथा बच्चे रुपये कमाने की मशीन बनकर रह गए हैं " यह बात आज जलालपुर प्रखण्ड मुख्यालय स्थित गांधी सेवा आश्रम में आयोजित बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह " श्री बाबू " की 136 वीं जयंती के अवसर पर  जयप्रकाश विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रख्यात विद्वान प्रोफेसर उदयशंकर ओझा ने बतौर मुख्य अतिथि कही ।

उन्होंने कहा कि आज बच्चे संवेदनशीलता एवं संस्कार से दूर होते जा रहे हैं तो इसके लिए केवल और केवल शिक्षा नीति जिम्मेदार है। योग्यता का आकलन अंकों के आधार पर होता है जबकि योग्यता व्यवहारिकता और दक्षता की गोद में खेलती है।

उन्होंने कहा कि आज आदमी व्यवहारिक कम और सैद्धान्तिक ज्यादा हो गया है। जिससे नैतिकता लोगों के जीवन से कोसों दूर हो गई है। डाक्टर श्रीकृष्ण सिंह का जीवन व्यवहारिक रहा था। वे जो कहते थे उसे करने की मद्दा रखते थें और धरातल पर देखने को मिलता रहा हैं।श्री बाबू ने जो  बिहार और बिहारी युवाओं के लिए सोंच रखी थी उनके बाद की सरकारें उससे भटक गईं और आज बिहारी पलायन के लिए मजबूर होते जा रहे हैं।

अपने अध्यक्षीय भाषण में भारतीय ग्रामीण डाक कर्मचारी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश्वर कुंवर ने कहा कि श्री बाबू को याद करने से हम स्वयं गौरवान्वित होते हैं। श्री बाबू की जयन्ती बिहार में राजनीतिक फायदे के लिए मनायी जाती है जबकि बिहार को उन्नत बनाने के लिए जो नींव श्री बाबू ने रखी थी उसको ढ़ाहने का काम ही बाद के सरकारों ने किया।

जलालपुर में आज जो जयन्ती मनाई जा रही है वह किसी राजनीतिक मकसद से नहीं बल्कि श्री बाबू की महानता को नमन करने के लिए मनाया गया है। इस अवसर पर पूर्व विधायक शत्रुघ्न सिंह उर्फ चोकर बाबा ,प्राचार्य अरुण कुमार सिंह ,रमेश तिवारी ,कन्हैया सिंह 'तूफानी' ,अरुण पुरोहित, बिन्देश्वरी राम, महमद इसराफिल ,प्रो.सुरेश कुमार मिश्रा , मनोज कुमार मिश्र ने भी अपने विचार रखे।

स्वागत गांधी आश्रम के अध्यक्ष नागेन्द्र सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन शैलेंद्र सिंह ने किया। सबसे पहले दीप प्रज्वलन करके गांधीजी ,श्री बाबू तथा विजय बाबू की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया जिसमें उपस्थित सभी लोगों ने भाग लिया।