मानव जनम अनमोल है माटी में न घोल रे- सुप्रिया 

मानव जनम अनमोल है माटी में न घोल रे- सुप्रिया 

मानव जनम अनमोल है माटी में न घोल रे- सुप्रिया 

राकेश कुमार सिंह,  

गरखा, सारण :-  प्रखंड के गरीबनाथ मंदिर धनौरा में नव दिवसीय रूद्र महायज्ञ के पांचवें दिन प्रवचन मंच से भगवान शंकर के विवाह प्रसंग पर चर्चा करते हुए सुश्री सुप्रिया प्रियदर्शी ने श्रोताओं को अपने वाणी के माध्यम से बताया कि जो अपने लिए सोचता है उसे घर तक ही जाना जाता है लेकिन जो समाज के लिए सोचता और जीता है उसी को समाज और भक्त याद करते हैं।


जो व्यक्ति मंदिर, अस्पताल आदि का निर्माण करते है वे अमर हो जाते है।
 प्रवचन के क्रम में सुप्रिया ने श्रोताओं को अपने मधुर गायकी अंदाज के बदौलत सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।उन्होंने कहा कि जो अमृत पीता है वह देव और जो विष का सेवन किया वह महादेव कहलाया हैं।


कथावाचन के क्रम में श्रोता को बताया कि आज के समय में लोग अपने दुःख से ज्यादा दुसरे के सुख से जीवन को कष्टमय बना ले रहे है।मानव जनम अनमोल है,माटी में न घोल रे" संगीत रुप में प्रस्तुति भक्तों को कर्णप्रिय रहा।
मनुष्य का जन्म तो हुआ लेकिन उसका नैतिक विचार एवं संस्कार रामकथा और संगत से मिलता है।


उधर नव दिवसीय रूद्र महायज्ञ की सफलता के लिए गरीबनाथ मंदिर यज्ञ समिति और सूर्य मंदिर सेवा समिति तन-मन-धन से समर्पित भाव से लगा हुआ है।