गृह आधारित नवजात शिशु के देखभाल को सुदृढ़ करने हेतु एचबीएनसी कृट वितरण

गृह आधारित नवजात शिशु के देखभाल को सुदृढ़ करने हेतु एचबीएनसी कृट वितरण

गृह आधारित नवजात शिशु के देखभाल को सुदृढ़ करने हेतु एचबीएनसी कृट वितरण

P9bihar news 


सत्येन्द्र कुमार शर्मा

सारण :- गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल को सुदृढ़ करने के लिए आशा कार्यकर्ताओं  के बीच एचबीएनसी किट का वितरण होगा।नवजात को आवश्यक देखभाल की सुविधा उपलब्ध कराना व जटिलताओं से बचाना एचएनबीसी कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।किट के प्रयोग के लिए आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

छपरा जिले में शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रसव के उपरांत नवजात शिशुओं की बेहतर देखभाल को महत्वपूर्ण माना गया है। जिसको देखते हुए संस्थागत प्रसव के मामले में शुरुआती दो दिनों तक मां व नवजात को अस्पताल में ही रहने की सलाह दी जाती है। गृह प्रसव के मामलों में तो शिशुओं की  बेहतर देखभाल ज्यादा जरूरी हो जाती  है। शिशु जन्म के शुरुआती 42 दिन अधिक महत्वपूर्ण होते हैं।

इसे ध्यान में रखते हुए जिले में होम बेस्ड न्यू बोर्न केयर (एचबीएनसी) का संचालन किया जाता है। कार्यक्रम के तहत संस्थागत व गृह प्रसव दोनों ही स्थितियों में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर जाकर 42 दिनों तक नवजात की खास देखभाल किये जाने का प्रावधान है। जिसके मद्देनजर गृह आधारित देखभाल प्रक्रिया को मजबूत  करने व इस कार्य में आशा कार्यकर्ताओं की सहूलियत को देखते हुए एचबीएनसी किट मुहैया कराई जाएगी। जिसका वितरण जल्द शुरू होगा। जिसके माध्यम से गृह आधारित नवजात शिशुओं की देखभाल करने में आशा कार्यकर्ता और आशा फैसिलिटेटर अब और सशक्त बनायी  जाएंगी । 
 
आशा कार्यकर्ताओं को किट के उपयोग का दिया जाएगा प्रशिक्षण : 


एचबीएनसी किट का वितरण आशा दिवस के अवसर पर किया जाएगा। सभी प्रखंडों को किट उपलब्ध करायी जानी है। इस किट में डिजिटल वाच, डिजिटल थर्मामीटर, एलईडी टॉर्च विद सेल, बेबी ब्लैंकेट, बेबी फीडिंग स्पून, किट बैग एवं वेटिंग स्केल जैसी सात सामग्री को शामिल किया गया है। आशा कार्यकर्ताओं को उपलब्ध करायी  गई  किट के उपयोग का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

किट के माध्यम से जांच के बाद खतरे के लक्षण देख नवजात को तत्काल उपचार के लिए उच्च स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजा जाएगा। जिसकी मदद से गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता  नवजात में होने वाली समस्याओं का अच्छे से पहचान कर जरूरी पड़ने पर उन्हें इलाज के लिये उच्च स्वास्थ्य संस्थान भेज सकेंगी। 

प्रसव उपरांत बच्चों की गृह आधारित देखभाल महत्वपूर्ण:


डीपीएम अरबिन्द  कुमार ने बताया कि एचएनबीसी कार्यक्रम के तहत संस्थागत प्रसव की स्थिति में आशा कार्यकर्ता जन्म के 3, 7, 14, 21, 28 व 42 दिनों पर कुल छह बार व गृह भ्रमण करती हैं। वहीं, गृह प्रसव के मामले में 1, 3, 7, 14, 21, 28 व 42 वें दिन कुल सात बार गृह भ्रमण करती हैं।  सभी नवजात को आवश्यक देखभाल सुविधा उपलब्ध कराना व जटिलताओं से बचाना एचएनबीसी कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।

समय पूर्व जन्म व कम वजन वाले बच्चों की पहचान व उनकी विशेष देखभाल करते हुए किसी बीमारी का शीघ्र पता लगाते हुए उपचार सुनिश्चित कराना साथ ही संबंधित परिवारों को आदर्श  स्वास्थ्य व्यवहार के लिये प्रेरित किया जाएगा।