20 सप्ताह तक गर्भ समापन कराना कानूनी रूप से वैध
-सुरक्षित गर्भपात को लेकर आशा कार्यकर्ताओं को दिया प्रशिक्षण,
-एमटीपी एक्ट-1971 के बारे में भी बताया गया
प्रमोद कुमार
हाजीपुर,7 अप्रैल । कोरोना संक्रमण के दौरान गर्भवती महिलाओं को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। सुरक्षित गर्भपात करना भी एक तरह से सबसे बड़ी चुनौती है। इसको लेकर आशा कार्यकर्ताओं के उन्मुखीकरण के लिये औलिया आध्यात्मिक अनुसंधान केंद्र, वैशाली एवं साझा प्रयास द्वारा सुरक्षित गर्भ समापन को लेकर वैशाली पीएचसी में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें 20 आशा कार्यकर्ताओं को सुरक्षित गर्भ समापन और एमटीपी एक्ट-1971 के विषय में विस्तृत रूप से बताया गया। इस अवसर पर आशा, पीएचसी वैशाली के सोशल मोबेलाइजर चितरंजन कुमार, केयर इंडिया के छोटन कुमार, आईपास डेवलपमेंट फाउंडेशन पटना एवं साझा प्रयास नेटवर्क के स्थानीय सदस्य, संस्था औलिया आध्यात्मिक अनुसंधान केंद्र वैशाली के प्रतिनिधि रामकृष्ण उपस्थित थे।
चिकित्सकीय सलाह की दी गई जानकारी-
प्रशिक्षक रामकृष्णा ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल के समय महिलाओं को कई विषम परिस्थितियों से भी गुजरना पड़ा है। इस दौरान कई ऐसी महिलाएं हैं, जो अनचाहे रूप से गर्भवती हो गई हैं। संक्रमण काल होने के कारण वह अपना सुरक्षित रूप से गर्भपात भी नहीं करा सकी हैं। जिस कारण वह सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकीय सुविधा का लाभ लेने से वंचित रह गई। लिहाजा उन महिलाओं का गर्भ अब दो से तीन माह का हो चुका है। इसलिए उनका सुरक्षित रूप से चिकित्सकीय परामर्श अतिआवश्यक है। ताकि उनका सुरक्षित रूप से गर्भ समापन किया जा सके। इसको लेकर हम सभी को प्रयास करने की जरूरत है। खासकर सामाजिक रूप में इसे लेकर जागरूकता लाने की बहुत ज़्यादा जरूरी है।
20 सप्ताह तक गर्भ समापन कराना कानूनी रूप से वैध :
प्रशिक्षक रामकृष्ण ने बताया एमटीपी (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ़ प्रेगनेंसी) एक्ट-1971 में निहित कुछ शर्तों के आधार पर कोई भी महिला 20 सप्ताह तक के कानूनी रूप से गर्भपात करा सकती है। लेकिन एमपीटी एक्ट में कुछ शर्तों का जिक्र भी किया गया है। जिसका अनुपालन अनिवार्य रूप से करना जरूरी होता है। इसके लिए कुछ जरूरी दस्तावेज का होना भी नितांत आवश्यक होता है। लेकिन इस दौरान गर्भपात कराने वाली महिला का विशेष ध्यान रखना होगा ताकि उनका सुरक्षित रूप से गर्भपात हो सके।
प्रशिक्षित चिकित्सकों की मौजूदगी में ही गर्भपात;
राम कृष्ण ने बताया कि कानूनी रूप से सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क गर्भपात कराने की सुविधा उपलब्ध है। प्रशिक्षित चिकित्सकों की मौजूदगी में गर्भपात कराना होता है। इस दौरान विशेष परिस्थिति होने पर एंबुलेंस की मदद से महिला मरीज को नि:शुल्क रूप से हायर सेंटर भेजने की सरकारी सुविधा भी उपलब्ध है। कानूनी तौर पर 20 सप्ताह तक गर्भ समापन कराना वैध माना जाता हैं। लेकिन 12 सप्ताह के अंदर एक प्रशिक्षित महिला रोग विशेषज्ञ एवं 12 सप्ताह से ऊपर तथा 20 सप्ताह के अंदर तक में दो प्रशिक्षित चिकित्सकों की उपस्थिति में सरकारी अस्पताल या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पतालों में प्रशिक्षित चिकित्सकों की मौजूदगी में गर्भपात कराना चाहिए।