माता पिता के बातो को नजरअंदाज करने वाले संतान कभी सुखी नही हो सकते- पूज्या आराधना शास्त्री

माता पिता के बातो को नजरअंदाज करने वाले संतान कभी सुखी नही हो सकते- पूज्या आराधना शास्त्री

माता पिता के बातो को नजरअंदाज करने वाले संतान कभी सुखी नही हो सकते- पूज्या आराधना शास्त्री

P9bihar news 


सत्येन्द्र कुमार शर्मा

सारण:- जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत मुसेपुर शिवमन्दिर प्रांगण में हो रहे सात दिवसीय जगत जननी मां दुर्गा के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अयोध्या से आई रामकथा वाचिका पूज्या आराधना शास्त्रीजी महारानी ने अयोध्या के राजा दशरथ और गुरू विश्वामित्र के प्रसंग की चर्चा  करते हुए उपस्थित भक्तो को बताई कि कैसे एक राजा अपने राज्य मे आए हुए अतिथियों का स्वागत  करता है।


विश्वामित्र जी द्वारा राजा दशरथ के दोनो राजकुमार राम और लखन को साधु-संतो की देखभाल के लिए मांग की तो राजा दशरथ ने न चाहते हुए भी अपनी वंश की परंपरा को निभाते हुए दोनों राजकुमार को विश्वामित्र के हवाले कर दिए। 


 अपने कथा कहने  के क्रम में भक्तो को यह संदेश दिया कि किसी  भी तीर्थ स्थल पर दर्शन के लिए जाए तो वहा के पौराणिक नदियों में स्नान करके ही मंदिर का दर्शन और पूजा-पाठ करना श्रेष्ठ माना जाता है।

आज से पूर्व मुख्य मंत्री दारोगा प्रसाद राय सांस्कृतिक कला ट्रस्ट  सारण के सुप्रसिद्ध लोकप्रिय ब्यास राजबिहारी राय एवं उनके मंडली के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया साथ ही चौबीस घंटे का अखंड अष्टयाम उमाभवानी जयजगदंबे, गौड़ी गिरिजा जयजगदंबे का मंत्र का उच्चारण क्षेत्र मे गुंजायमान हो रहा है।