विवाद और जातिवाद पर खुल कर बोली निशा पांडेय कहा - ब्राह्मण कलाकारों को नहीं मिलता समर्थन

विवाद और जातिवाद पर खुल कर बोली निशा पांडेय कहा - ब्राह्मण कलाकारों को नहीं मिलता समर्थन

मोतिहारी 

भोजपुरी फिल्म जगत में विवाद और जातिवाद समय - समय पर उभर कर सामने आ जाता है. इस बारे में भोजपुरी की सुरीली सिंगर निशा पांडेय का कहना है कि बबुआन और अहीरान का भोजपुरी में बोलबाला है. इस पर ज्यादा तो कुछ नहीं कहूँगी. लेकिन ये जरूर कहूंगी कि भोजपुरी में ब्राह्मण कलाकारों जैसे प्रदीप पांडेय चिटू ,रितेश पांडेय, अरविंद अकेला कल्लू ,आदित्य मोहन ,सुदीप पांडेय ,राकेश मिश्रा व अन्य को उतना समर्थन नहीं दिया जाता है.

कोई एक ऐसा ब्राह्मण कलाकार नहीं दिखता जो लीड कर रहा है. रवि किशन भी अपने दम पर स्थापित हुए. अगर वे साउथ और हिंदी फिल्मों में जाकर अच्छा काम नहीं करते तो मुझे नहीं लगता की भोजपुरी में उनको लोग खड़ा करते. वे हमारे आयडल हैं.

निशा पांडेय ने एक फिल्म का जिक्र करते हुए कहा कि पहले तीन तीन हीरो साथ काम करते थे. लेकिन आज ये हो गया है कि ये उसके साथ काम करेंगे. उसके साथ काम नहीं करेंगे. पता नहीं ये कब से आ गयी. फिल्मो में काम करने को लेकर कहा कि  जिसमें मुझे ऐसा वैसा न करना पड़े, मैं वैसी फ़िल्में करना चाहती हूँ.

अभी मेरी फिल्म "डोली", "बेटी कहे पुकार के" आने वाली है. निशा ने अक्षरा के बारे में कहा कि इंडस्ट्री में अक्षरा बेहद अच्छा काम कर रही हैं. विवाद से दूर वो काम पर फोकस करते हैं. उन्होंने कहा कि हम काम करने वाले लोग हैं. लेकिन जब कोई छेड़ेगा, तो मैं छोडूंगी नहीं. उन्होंने कहा कि निरहुआ का अभिनय पसंद है. पवन सिंह की आवाज पसंद है. खेसारीलाल यादव की कॉमेडी और स्टेज परफोर्मेंस पसंद है. मुझे तीनो तीन तरह से पसंद आते हैं . 


उन्होंने बताया कि अभी हमने हिंदी गाना गाया है. गाना तुम मिले दिल खिले है. इसके अलावा भी कई हिंदी गाने कर रही हूँ. आगे भी करुँगी. शुक्रिया दर्शकों का जिन्होंने मुझे हिंदी में भी पसंद किया. अभी  तक हिंदी में लगभग 30 से अधिक गाने आये हैं.